आखिर हिंदू कब तक सहन करें? कब तक मार झेलते रहे? देश में हर जहाहनिस जेहादी मानसिकता का गंदा खेल लगातार होता आया है लेकिन अब कुछ समय से हिंदुओं ने भी जवाब देना शुरू किया है क्योंकि सहिष्णुता की भी तो एक सीमा होती है। जब तक जेहादी अपना काम करते हैं तब तक बुद्धिजीवियों,मीडिया से लेकर पुलिस तक को छोटी मोटी झड़प हो नजर आती है लेकिन जब हिंदू प्रतिकार करना शुरू करता है तो सब हरकत में आते हैं बड़े बड़े शब्दों का चयन कर हिंदुओं को दोषी सिद्ध कर मुसलमानों को पीड़ित दिखाने का प्रयास करते हैं... पर अब ये सब नहीं चलेगा।
माना जब प्रतिकार होता है तो कुछ निर्दोष भी बली चढ़ते है लेकिन जब शुरुवात होती है तब तो सभी हिंदू निर्दोष ही होते हैं लेकिन जेहादी भीड़ को तो जेहाद से मतलब होता है वो तो छोटे बच्चों, महिलाओं को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते।
अब प्रशासन को जेहादी मानसिकता को पूरी तरह अंकुश लगाना होगा अन्यथा ये घटिया आतंकी मानसिकता देश की शांति और चैन नहीं रहने देगी और सावधान अब हिंदू सहन करने के मूड में लग नहीं रहा इसलिए जितना जल्दी हो सके जेहादियों पर अंकुश लगाए ताकि हिंदुओं के अंदर का ज्वालामुखी ना फटे...डर है की इस ज्वालामुखी के फटने का परिणाम क्या होगा... हिंदू भी आत्मरक्षा की व्यवस्था में कोई कमी ना रहने दे
जहां से लावा गुजरता है वहां बस राख हो बचती है ...
मनीष भारद्वाज की कलम से