VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 08 श्लोक 19
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 11:14 तक तत्पश्चात नवमी
⛅दिनांक - 20 दिसम्बर 2023
⛅दिन - बुधवार
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - मार्गशीर्ष
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:58 तक तत्पश्चात रेवती
⛅योग - व्यतिपात शाम 03:57 तक तत्पश्चात वरियान
⛅राहु काल - दोपहर 12:37 से 01:58 तक
⛅सूर्योदय - 07:15
⛅सूर्यास्त - 05:59
⛅दिशा शूल - उत्तर
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - बुधवार अष्टमी, व्यतिपात योग
⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹बुधवारी अष्टमी : 20 दिसम्बर 2023🌹
🌹पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 11:14 तक ।
🌹बुधवारी अष्टमी को किये गए जप, तप, मौन, दान व ध्यान 10 लाख गुना फलदायी होता है ।
🌹मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं । इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।
(शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)
🔹व्यतिपात योग - 19/20 दिसम्बर 2023🔹
🔸समय अवधि : 19 दिसम्बर शाम 06:38 से 20 दिसम्बर शाम 03:57 तक
🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 1 लाख गुना होता है । - वराह पुराण
🌹श्रीमद्भगवद्गीता जयंती : 22 दिसम्बर 2023🌹
🔸अपनी संस्कृति में श्रीमद भगवदगीता जी और तुलसी जी का बड़ा महत्व है । विश्व मानव इनका अधिक से अधिक लाभ ले इसी हेतु से पूज्य बापूजी ने गीता जयंती व तुलसी पूजन दिवस व्यापक रूप से मनाने की शुरुआत की ।
🔹कैसे मनाएं गीता जयंती ?🔹
👉 १) गीता जयंती निमित्त संकीर्तन यात्रा का आयोजन कर गीता के महत्त्व एवं ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें ।
👉 २) विद्यालयों-महावबिद्यालयों में 'श्रीमद्भगवद्गीता' को पाठ्यक्रम में जोडकर विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु माननीय भारत सरकार के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दें ।
👉 ३) गीता-जयंती के पावन अवसर पर स्कूलों के विद्यार्थियों में गीता-श्लोक स्मरण एवं लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करवायी जा सकती हैं ।
👉 ४) श्रीमद भगवद गीता को ऊँचे आसन पर स्थापित कर पुष्प, धुप, दीप आदि से पूजन कर आरती करें ।
👉 ५) गीता महात्म्य पढ़ने के बाद गीता के अध्याय का पाठ करें ।
👉६) प्रतिदिन कम-से-कम एक श्लोक पढ़ने का संकल्प अवश्य करें तथा करायें ।
👉 ७) गीताजी की आरती करें ।
👉 इस प्रकार श्री गीता जयंती मनायें तथा श्री गीताजी का प्रचार-प्रसार बढ़ाये ।
👉 विद्यालय, मंदिर, सोसाइटीयों तथा सार्वजनिक स्थानों पर भी अवश्य मनाएं और इस अभियान में जुड़े ।
🔸शरीर को हृष्ट-पुष्ट करनेवाला प्रयोग🔸
🔹लाभ : यह प्रयोग शरीर को बलवान, सुडौल व हृष्ट-पुष्ट करता है । इससे रक्त एवं वीर्य की वृद्धि होती है तथा कब्ज दूर होता है, साथ ही यह कांति एवं सौंदर्य को भी बढ़ाता है ।
🔸विधि : रात में १ बादाम, २ खजूर, २ अंजीर पानी में भिगोकर रख दें । सुबह बादाम का छिलका निकाल के पत्थर पर चंदन की तरह घिसें । खजूर की गुठली अलग कर दें तथा अंजीर के टुकड़े कर लें । दूध में २ काली मिर्च डाल के उबाल लें । दूध गुनगुना रहने पर उसमें घिसा हुआ बादाम और १ चम्मच घी मिला लें । खजूर तथा अंजीर का १-१ टुकड़ा खूब चबा-चबाकर खाते हुए ऊपर से १-१ घूँट दूध पीते जायें ।
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