ये हैं मौसमी हक़ — ये डंके की चोट पर कहती थीं कि इनका अब्दुल वैसा नहीं है। इन्होंने मोजम्मिल से निकाह के लिए 2011 में इस्लाम कबूल किया। इसके बाद मोहम्मद मोजम्मिल हक़ ने इनका पैसा हड़पकर अमीर बन गया। फिर उसी पैसे की दम पर 3 और निकाह किएऔर बदले में मौसमी हक़ को दिया 👉 तलाक़!
💔 सोचिए, मौसमी ने अपना धर्म, अपनी पहचान, अपना सब कुछ छोड़कर मोजम्मिल हक़ के लिए इस्लाम अपनाया…आज वही औरत बेघर और बेसहारा खड़ी है।यही है वो हकीकत...जिसमें औरत सिर्फ इस्तेमाल की वस्तु समझी जाती है। जिसे उपयोग करके 3 तलाक के नाम पर फेंक दिया जाता है।
साभार
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