दीपक प्रकाश का द्योतक है और प्रकाश ज्ञान का। परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसीलिए दीप प्रज्वलन करने की परंपरा है।
- जिस प्रकार दीप की ज्योति हमेशा ऊपर की ओर उठी रहती है, उसी प्रकार मानव की वृत्ति भी सदा ऊपर ही उठे, यही दीप प्रज्वलन का अर्थ है।
- समस्त कल्याण की चाह रखने वाले मनुष्य को दीप जलाते समय दीप मंत्र अवश्य पढ़ना चाहिए।
- पंच तत्वों में से एक महत्वपूर्ण तत्व अग्नि का अंश है दीपक। यह अग्नि संपूर्ण संसार में व्याप्त है जिससे जीवन चलता है।
- प्राचीनकाल में दीपक ही उजाले का एकमात्र स्रोत हुआ करता था।
दीपक दिखाने के बाद हाथ क्यों धोना चाहिए!!!!
किसी भी विधि के दो फल होते है एक दृष्ट व दुसरा अदृष्ट।
धूप, दीप दिखाने पर अग्नि प्रभाव से हाथो मे धुऑ आदि लगने से कार्बन के कण चिपक जाते है, गर्मी से हाथो मे ताप का प्रभाव होता है।
दीपक के बाद अगली विधि नैवेद्य की होती है, अतः नैवेद्य मे धूम्रकण न लगे, सुचिता के लिए भी यह आवश्यक है।
🚩🙏सनातन धर्म की जय 🙏🚩
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