पुजारियों जैसा वस्त्र धारण किए हुए तथा माथे पर तिलक विराजमान है, यह व्यक्ति कोई पंडित या पुजारी नही बल्कि मोहम्मद जावेद हैं। जो मन से अच्छा लगे वही तो सच होता है। सनातन ही सत्य है जिसके लिए कोई जबरदस्ती या कोई लालच अथवा जेहाद नहीं किया जाता... बस प्रेम और समर्पण होता है
बेतिया में एक मुस्लिम युवक को भगवान श्रीकृष्ण से इतना प्रेम हो गया कि वह अपना मजहब बदलकर मुस्लिम से हिन्दू बन गया, बिहार के बेतिया के रहने वाले मुस्लिम युवक मोहम्मद जावेद ने इस्लाम त्यागकर सनातन धर्म अपना लिया है, मोहम्मद जावेद अब Sheebu Krishna Dasi नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने कहा हम सब पहले हिंदू ही थे, उनका मानना है कि उन्होंने धर्म परिवर्तन नहीं किया है, बल्कि अपने धर्म में वापसी की है
उन्हें राधा-रानी की भक्ति करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन इन सब समस्याओं के बीच राधा-रानी ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें राह दिखाई, घरवालों और कई लोगों ने उनपर दबाव बनाया लेकिन फिर भी कृष्ण भक्ति का उन्होंने साथ नहीं छोड़ा, उन्होंने बताया कि उन्हें मुस्लिम समुदाय अभी भी जान से मारने की धमकी देता है लेकिन अब उन्हें इसकी आदत हो गई है!
कृष्ण भक्त बनने के बाद कई बार उनके घरवालों ने उन्हें ढोंगी बाबाओं के पास झाड़-फूंक के लिए ले गए, जब उधर बात नहीं बनी तो psychiatrist के पास ले गए जहां मुझे डिप्रेशन की कई दवाएं दी गयी, लेकिन मैं किसी भी तरह से डिप्रेशन का मरीज नहीं था, मुझे जबर्दस्ती दवाएं खिलाई गईं, मैं बार-बार बोलता था कि "अगर भूत चिपट जाए तो उसका इलाज है, लेकिन नंद का पूत चिपट जाए तो उसका कोई इलाज नहीं है", फिर भी मुझे जबर्दस्ती नमाज पढ़ने ले जाया जाता था, कई दिनों तक मुझे डिप्रेशन की दवा दी गई, जिसका बुरा असर पड़ा, इन दवाओं के कारण आज मुझे कई चीज़ें याद नहीं रहतीं
शीबू मानते हैं कि उनमें समाज से अकेले लड़ने की ताकत नहीं हैं, लेकिन ठाकुरजी सदैव उनकी रक्षा करते हैं, Sheebu Krishna Dasi ने सनातनी बनने की पूरी प्रक्रिया भी बताई, उन्होंने बताया धर्म परिवर्तन करने के लिए वह हरिद्वार गए थे, जहां सबसे पहले उनके बाल मुंडवाए गए, उसके बाद शिखा रखते हैं और फिर गंगा स्नान किया जाता हैं फिर वहां मौजूद पंडित ने विधि विधान से मंत्रों का जाप करवाया, हवन करवाया, इस पूरी प्रक्रिया में लगभग डेढ़ से दो घंटे तक का समय लगता है
शीबू बताते हैं कि अपना मजहब छोड़कर सनातन धर्म में आने के बाद उन्हें काफी अच्छा लगा, वह बताते हैं कि महीने में कई बार वृंदावन जाते हैं और कुछ समय के बाद वह वृंदावन में ही रहने लगेंगे
शीबू ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण उनकी ज़िंदगी में आए, शीबू ने बताया कि वह 11 वर्ष की आयु में दिल्ली में अपने मामा के घर रहने चले गए और वहीं पास में वह एक दुकान में काम करने लगे, उस दुकान में कई चीज़ों की पैकिंग हुआ करती थी जैसे दलिया वगैरह की, उन्होंने बताया कि उस दुकान पर कृष्णा नाम लिखी हुई एक पन्नी (पॉलीथिन) आया करती थी. उस पन्नी में कृष्णजी की छवि बनी होती थी, उस फोटो को देख उन्हें लगता था कि उन्हें कृष्ण जी बार-बार देख रहे हैं, धीरे-धीरे वह राधा-कृष्ण की भक्ति की तरफ बढ़ते चले गए, इसके बाद उन्होंने मांस खाना छोड़ दिया और शाकाहारी हो गए, कुछ समय के बाद उन्होंने पूर्ण रूप से खुद को भगवान कृष्ण को समर्पित कर दिया, धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम से हिन्दू बन गए