उत्तराखंड रास्ते बंद होने के कारण थराली गांव का जनसंपर्क कट सा गया है।वहां सेवा कार्य हेतु चिनूक हेलीकॉप्टर से बांधकर जेसीबी तथा पोकलैंड आदि मशीनें पहुंचाई गई हैं।यादि कांग्रेस का शासन होता तो आज वही होता, जो श्री केदारनाथ धाम में हुई भीषण त्रासदी के समय हुआ था।
डिब्बा बंद खाद्य, अन्न, धन्य, कपडे, दवाईयां आदि राहत सामग्री लदे हुए ट्रक अनेक दिनों तक एक ही स्थान पर खडे थे, क्योंकि कांग्रेस की मालकिन श्रीमती सोनिया गांधी जी के पास उन ट्रकों को झंडा बताकर रवाना करने हेतु अवकाश ही नही था।उसके बाद जब वे ट्रक अपने गंतव्य हेतु रवाना हुए, आज तक किसी को यह पता नहीं चला कि, वे कहां गए ?और उत्तराखंड त्रासदी में मरे हुए व्यक्तियों के शवों को निकालने का ठेका जिस कंपनी को दिया उसका मालिक वाड्रा था, राजमाता का दामाद और प्रति शव साढे चार लाख रुपए के हिसाब से पेमेंट की गई वह भी सारी की सारी एडवांस में।
ऐसे ऐसे कुकर्मो से भरा है इनका इतिहास