वीर सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के केन्द्र लन्दन में उसके विरुद्ध क्रांतिकारी आन्दोलन संगठित किया।
वे भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सन् 1905 के बंग-भंग के बाद सन् 1906 में 'स्वदेशी' का नारा दिया और विदेशी कपड़ों की होली जलाई।
वे भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्हें अपने विचारों के कारण बैरिस्टर की डिग्री खोनी पड़ी।
वे पहले भारतीय थे जिन्होंने 'पूर्ण स्वतन्त्रता' की मांग की।
वे भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सन् 1857 की लड़ाई को 'भारत का प्रथम स्वाधीनता संग्राम' बताते हुए 1907 में लगभग एक हज़ार पृष्ठों का इतिहास लिखा।
वे भारत के पहले और दुनिया के एकमात्र लेखक थे जिनकी पुस्तक को प्रकाशित होने के पहले ही ब्रिटिश साम्राज्य की सरकारों ने प्रतिबन्धित कर दिया था।
वे दुनिया के पहले राजनीतिक कैदी थे जिनका मामला हेग के अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में चला था।
वे पहले भारतीय राजनीतिक कैदी थे जिसने एक अछूत को मन्दिर का पुजारी बनाया था।
वीर सावरकर जी की पोशाक जूट की बनी हुई थी जो उन्हें काला-पानी सजा के दौरान अंग्रेज़ों की दी.
समुद्री-उमष में चमड़ी को तिल-तिल काटती थी..
नेहरू उसी दौरान वातानुकूलित कक्ष में प्रेस किए हुए मखमली कपड़े पहनकर, किताबें लिखकर महान-स्वतंत्रता-सेनानी और फिर देश के प्रधानमंत्री बनें..
राष्ट्रवाद क्या है.?
जानना चाहते हो तो
पंडित आजाद, भगत सिंह, बिस्मिल, सावरकर, लाला जी, सुभाष चन्द्र बोस जी आदि को पढ़ो..
नेहरू एंड कं. में कहां राष्ट्रवाद ढूंढ रहे हो.?
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳