1 मध्यप्रदेश में बेसबाल को नेशनल प्लेयर ने जेहादी से तंग आकर को आत्महत्या 👉 पढ़िए पूरी खबर Opindia की रिपोर्ट
2 झारखंड में नाबालिक दलित बेटी ने जेहादी के लव जेहाद की शिकार होकर को आत्महत्या 👉 पढ़िए पूरी खबर Opindia की रिपोर्ट
लगातार होती इन घटनाओं पर ना देश के बुद्धिजीवी कुछ बोलते हैं, ना राष्ट्रपति जी ने चिंता जाहिर की ना ही आतंकियों के लिए आधी रात खुलने वाला सुप्रीम कोर्ट के स्वताः संज्ञान लेने वाले माननीय कोई बात करते हैं। क्या हिंदू बेटियों की जान की कोई कीमत नहीं? क्या मुसलमानों के हो रहे इस जेहाद , इस आतंक को ऐसे ही सहन करते हुए जीना पड़ेगा? कहां हैं वो महिला सशक्तिकरण और नारी सम्मान की बकलोली करने वाले बुद्धिजीवी ,कौनसी गुफा में छुपे हैं?
क्या अब पहलवान शाक्षी इस नेशनल प्लेयर के न्याय के लिए भी आंदोलन करेगी? क्या शाक्षी , विनेश और पुनिया के समर्थन में बोलने वाले 1983 की विश्वविजेता टीम और अन्य बड़े बड़े महारथी आवाज उठाएंगे?
कोई नहीं बोलेगा ..क्योंकि मरने वाली हिंदू बेटियां हैं और दोनों में से एक स्वर्ण है तो एक दलित पर हत्यारे मुस्लिम हैं इसलिए कथित दलित संगठन भी फांसी की मांग नहीं करेंगे।
बेशर्म हो गए हैं भारत के लोग , कानून , नियम, न्याय व्यवस्था सब धृतराष्ट्र, गुरु द्रोण और भीष्म बन चुके हैं जो कलयुगी द्रोपदी के चीरहरण का आनंद उठा रहे हैं... लेकिन दुर्भाग्य की ये कलयुगी द्रोपदी कृष्ण न जानती हैं, ना समझती हैं तो बुलाएंगी कैसे और बिना बुलाए तो कृष्ण आयेंगे भी नहीं।
अब तो इन घटनाओं पर लिखते लिखते कलम भी थक गई है, शर्म आ रही है को हम मानव तो हैं लेकिन मानवता को मारते चुपचाप बस देख रहे हैं क्योंकि मेरे देश का कानून अपराधियों को सजा नहीं दे पाता, आम जनता को सुरक्षा नहीं दे पाता, हां कोई इनसे सवाल कर ले तो कंडेम ऑफ कोर्ट जैसा कुछ अपराध बताकर मुंह बंद करवा सकते हैं।
8 अगस्त 2023 को पूरे देश के हिंदुओं को सौगंध है उनकी बेटियों को, उनकी बहनों की इन घटिया अंग्रेजी कानूनों को जलाने की इस मुहिम में हिस्सा लेना होगा और नहीं तो करवाते रही अपनी बहन बेटियों का चीरहरण, देते रहो अपनी बहन बेटियों को अर्थियों को कंधा क्योंकि वर्तमान कानून जो अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है वो न्याय नहीं कर सकता...
👇समझिए 8 अगस्त की इस मुहिम को जिसमें आपको कहीं नहीं जाना बस घर बैठे बैठे ही या दोस्तों के साथ सामूहिक रूप से कहीं एकत्रित होकर कानूनों को होली जलानी है और ट्वीट कर इस घटिया कानून का विरोध कर इसे बदलने का दबाव बनाना है। (लिंक पर क्लिक कर आर्टिकल पढ़िए और अश्विनी उपाध्याय जी का वीडियो सुनिए और तैयारी कीजिए अब नहीं तो कभी नहीं)