पंचांग, हनुमान जयंती, २०८० (06/04/23)
गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 22
आज का पंचांग
गुरुवार, ०६/०४/२०२३,
चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जन्मोत्सव, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 06 अप्रैल 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - हस्त दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅योग - व्याघात रात्रि 02:32 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅राहु काल - दोपहर 02:16 से 03:50 तक
⛅सूर्योदय - 06:28
⛅सूर्यास्त - 06:57
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:42 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमानजी जन्मोत्सव, वैशाख स्नानारम्भ, छत्रपति शिवाजी पुण्यतिथि
⛅विशेष - पुर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है ।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 वैशाख स्नानारम्भ 06 अप्रैल से...🌹
🌹 वैशाख मास माहात्म्य 🌹
🌹 वैशाख मास सुख से साध्य, पापरूपी इंधन को अग्नि की भाँति जलानेवाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष - चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है ।
🌹 देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : ‘‘राजन् ! जो वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं । पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव यह पुण्यस्नान नहीं करता ।
🌹 वैशाख मास में सब तीर्थ आदि देवता बाहर के जल (तीर्थ के अतिरिक्त) में भी सदैव स्थित रहते हैं । सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसीको मनुष्य वैशाख में केवल जलदान करके पा लेता है । यह सब दानों से बढ़कर हितकारी है ।’’ (ऋषि प्रसाद, अप्रैल : 2009)
🌹 वैशाख (माधव) मास में जो भक्तिपूर्वक दान, जप, हवन और स्नान आदि शुभ कर्म किये जाते हैं, उनका पुण्य अक्षय तथा सौ करोड़ गुना अधिक होता है । (पद्म पुराण)
🌹 पुण्यफल की पूर्णता हेतु : चैत्री पूर्णिमा - 06 अप्रैल 2023
🌹 इस दिन दान-पुण्य, तीर्थस्नान, शास्त्र-श्रवण करने से पूर्ण फल मिलता है । ‘नारद पुराण’ के अनुसार यह ‘मन्वादि तिथि’ है । इसमें चन्द्रमा की प्रसन्नता के लिए कच्चे अन्नसहित जल से भरा हुआ घट दान करने का विधान है ।
🌹 मन्वादि तिथियाँ : 14 मनुओं से जुड़ी 14 तिथियाँ मन्वादि कहलाती हैं । इन तिथियों में स्नान, हवन, जप एवं दान-पुण्य करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है परंतु विद्यारम्भ, उपनयन, विवाह, गृह-निर्माण एवं प्रवेश, व्रत-उद्यापन, यात्रा आदि नहीं करना चाहिए ।
🌹 श्री हनुमान जन्मोत्सव 06 अप्रैल 2023🌹
🔹भय दूर करने हेतु🔹
🔹आनंद रामायण में आता है कि सोते समय या प्रात: अथवा यात्रा के आरम्भ के समय कोई भयभीत व्यक्ति हनुमानजी के ये १२ नाम लेता है तो उसका भय दूर हो जाता है ।
१] हनुमान
२] अंजनीसुत (अंजनीपुत्र)
३] वायुपुत्र
४] महाबली
५] रामेष्ट अर्थात रामजी के प्रिय
६] फाल्गुनसख ( अर्जुन के मित्र)
७] पिंगाक्ष (भूरे नेत्रवाले)
८] अमिताविक्रम ( अनंत बलशाली)
९] उदधिक्रमण (समुद्र लाँघनेवाले )
१०] सीताशोकविनाशन
११] लक्ष्मणप्राणदाता
१२] दशग्रीवदर्पहा अर्थात रावण के घमंड को दूर करनेवाले ।
🔹हनुमान जन्मोत्सव - दीप दान महिमा🔹
🔹गेहूँ, तिल, उड़द, मूंग और चावल... इन पाँचों के आटे से मिलाकर दिया बनाया जाये और वो जलाकर हनुमानजी के नाम से मंदिर में, पीपल या बड के पेड़ या घर में ही रखा जाये तो बड़ा शुभ माना जाता है ।
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