एक तरफ कांग्रेस की युवराज राहुल गांधी ट्रंप की बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि भारतीय इकोनॉमी डैडी इकोनामी है वहीं उनकी खुद की पार्टी के नेता ट्रंप की कही इस बात को गलत बताते हैं और इंडिया की इकोनॉमी को डेड इकोनामी मानने से इनकार करते हैं। क्या राहुल गांधी केवल देश को बदनाम करना चाहते हैं नीचा दिखाना चाहते हैं और उनके समर्थक क्या चाहते है..?
समझ में यह नहीं आता कि जो व्यक्ति लगातार देश के विरुद्ध बोलता रहता है देश को नीचा दिखाना चाहता है उसका समर्थन कोई कैसे कर सकता है? क्या ऐसे व्यक्ति के समर्थन राष्ट्रप्रेमी हो सकते है