जो मेरी बातों से तंग हैं, उन्हें मेरा सुझाव है—छांगुर बाबा के पास जाकर कथा सुनो- अनिरुद्ध आचार्य। एजेण्डा धारी जैसी टेस्ट ड्राइव वालियों को करारा जवाब है बाबाजी का। मीडिया वालों को लग रहा था की बाबाजी के पीछे पड़ जाएंगे तो ये डर जाएंगे और मीडिया के सामने नतमस्तक हो जाएंगे ... लेकिन हो कुछ और ही गया
जनता ने अपने संतों का ऐसा साथ दिया कि मीडिया और गठित बुद्धिजीवियों के सारे एजेंट धरे के धरे रह गए उनके एजेंट के अनुरूप संतो ने उनसे माफी नहीं मांगी आप ही तो उन्हें ऐसे जवाब दिए कि शायद भविष्य में वापस हिंदू संतों पर निशाना साधने से पहले हजार बार सोचेंगे। हिंदुओं को ऐसे ही अपने संतों का पुर्जो समर्थन करना चाहिए और जो हमारे संतो के विरुद्ध षड्यंत्र रचे उन्हें उनकी औकात दिखा चाहिए