कथित हिंदू मुस्लिम भाईचारे को ग्लोरिफाई करने के अनेकों खेल खेले जाते है और भोले भाले या कहें मूर्ख हिंदू इनके शिकार होंभी जाते है। राखी के त्योंहार पर एक फोटो वायरल कर भाईचारे की मिशाल परोसी जा रही है लेकिन उसी फोटो में एक गलती कर दी लोगों ने..राखियां तो बंधी लेकिन तिलक किसी भी कथित भाई के मस्तक पर दिख नहीं रहा... ओह.. मजहब अनुमति नहीं देता न...लेकिन..
मजहब तो अनुमति अपनी सगी बहन के अलावा किसी और को अपनी बहन मानने की भी शायद नहीं देता ऐसा कई बड़े बड़े मजहबी ठेकेदारों के मुंह से सुना जा चुका है। अब जितना मर्जी ये फेमिनिस्ट, ये सेकुलर लड़कियां इन्हें राखी बांध लें लेकिन क्या ये इनकी बहन बन पाएंगी? अब कौन ही समझाए इन्हें की ये राखी बांधकर अपनी इज्जत की रक्षा ऐसी सोच से करना चाह रही है जो मौका मिलते हो अपने एजेंड के अनुरूप उनकी इज्जत ......&₹