जानते हैं ये किसका डिजाइन है?ये उस मस्जिद का डिजाइन है जो कोर्ट ने अयोध्या फैसले के बाद इनको जो अलग से जमीन दी थी और उसपर बनाई जानी थी।5 साल हो चुके, डिजाइन भी बदला जा चुका, नाम भी बदला जा चुका लेकिन अब तक एक ईंट भी न लगी वहां पर।...क्यों...?
यहां तक कि सिर्फ 90 लाख कलेक्ट हुए इस मस्जिद को बनाने को 5 साल में।
कारण सिंपल है कि लड़ाई कभी मस्जिद की थी ही नही । लड़ाई थी कि हिन्दुओ के मंदिर को तोड़, मस्जिद बनाई है। अगर दम है तो अपना मन्दिर वापिस लेकर दिखाओ हिन्दुओ।और जब हिन्दुओ ने इतने सदियों तक बहाए खून से आखिरकार अपना मन्दिर वापिस लिया तो अब खुद के लिए मस्जिद बनाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है बावजूद इसके की कोर्ट ने जमीन भी दे दी ।
और यही सम्भल में भी हो रहा।वहां उन्हें पता है कि मन्दिर था। और इसी की लड़ाई फिर वो लड़ रहे कि जब तुम्हारे मंदिर तोड़ वहां अपना खूंट गाड़ दिया तो तुम्हारी ये औकात कि हमारा खूंटा हिला सको।वरना अतिक्रमण के कारण रोज टूटते हैं देश में।इन्हें फर्क नही पडता क्योंकि इधर से तोड़ोगे तो कहीं और नई बना लेंगे। यहां(सम्भल) तो फिर लड़ाई तुम्हारे को औकात में रखने की है।