हाथरस मामले पर जो लोग बार बार सत्संग बोल रहे हैं वे जान लें की सत्संग भगवान का होता है, और हाथरस में जो बाबा था वो भगवान को नहीं मानता, वो मानवता और सत्य का पुजारी है, बोले तो जय भीम वाले, अखिलेश यादव जी इनके यहां धोक लगाने जाते थे, इसलिए कृपया अपने मित्रो को बताइए की हाथरस में भगवान का सत्संग नही इंसान का ढोंग चल रहा था।
एक बार फिर हिन्दू देवी देवताओं को बदनाम करने की साजिश है
प्रचलित नाम : नारायण साकार विश्व हरी
उर्फ : भोले बाबा
असली नाम : सूरज पाल
भगवा से चिढ़ है भगवा वस्त्र नही पहनते, सूट बूट पहनते हैं, भगवान की पूजा नही करते, भगवान नही मानते फिर सत्संग कैसा? इन्हे हिन्दू बाबा क्यों बताया जा रहा है? क्योंकि हिंदू संतो को बदनाम करना है