हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केजरीवाल को चुनावी कैम्पेन के लिए दिए गए अंतरिम जमानत का आदेश सोरेन पर भी लागू होता है, अतः उसे भी बेल दी जाए। कोर्ट ने ईडी से इस संदर्भ में उत्तर माँगा है। (सुना है खालिस्तानी अमृतपाल भी बेल चाहता है चुनाव के लिए)
जब न्याय खुले बाजार में तय MSP से बहुत ऊपर बोली लगा कर बिक रहा हो तब ऐसे न्यायिक गर्भपात आम हो जाते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में संविधान का ऐसा शीलभंग किसी भी संस्था ने नहीं किया है। डकैत नेताओं को सामान्य नागरिक से ऊपर समझ कर, केस के मेरिट को परे रख कर, अपनी कल्पनाओं और विचारों को ही संविधान मान कर आदेश देना अप्रत्याशित नहीं है, पर लाइव कवरेज के दौर में यह दुस्साहसिक कार्य जजों के बारे में बहुत कुछ कहता है।