लंदन का मेयर पिछले 3 बार से सादिक खान बनता आ रहा है और पिछले लंबे समय से लंदन की स्थिति भी गंभीर है , जेहादी गतिविधियां बढ़ती जा रही है और इन सबका कारण है लंदन में बदलती जनसांख्यिकी। एक तबके की जनसंख्या बढ़ी और दूसरा तबका आपस में बंटा रहा जिस कारण खुद लंदन की नेता अपने ही क्षेत्र में हार गए। यही बात भारत पर भी लागू होती है और भारतीयों को जल्द से जल्द समझ लेना होगा अन्यथा हालत बद से बदतर हो जायेंगे, हमारी बच्चियां स्वतंत्र नहीं रह पाएंगी...
43.8% वाला सादिक खान इसलिए जीता क्योंकि 56.20% वाले एकजुट नहीं थे और आपस में बांट गए। वैसे लंदन की स्थिति पर तरस नहीं आता क्योंकि इनका इतिहास लोगों को लूटने और प्रताड़ित करने का रहा है तो कर्म तो लौटकर आयेंगे ही, लेकिन भारत वासियों के लिए ये एक सबक है की सुधर जाएं अन्यथा फिर कहीं मुगल वंशजों की गुलामी ना करनी पड़ जाए