लेहडू चिचा ने इतना सशक्त भारत बनाया था कि 1984 में जब इंदिरा जी मरीं और राजीव G PM बने तो देश मे आम नागरिक को दो बोरी cement लेने के लिये BDO /तहसीलदार से permit लेना पड़ता था।
एक किलो चीनी खरीदने के लिये भी Permit लगता था। विवाह में एक क्विंटल चीनी लेने के लिये तो लोग महीनों पहले से जुगाड़ सोर्स सिपारिस खोजने लगते थे।
1975 में ही ताजा ताजा सिक्किम का भारत मे विलय हुआ था। सो भारत सरकार ने सिक्किम राज्य को कुछ सहूलियत सुविधा दे रखी थी। शेष भारत में जहां कि LPG के कनेक्शन के लिये 10 से 15 साल की waiting थी, सिक्किम में तुरंत मिल जाता था। सो हमारे पिता जी ने भी एक LPG कनेक्सन ले लिया ...... दो साल बाद हम transfer हो के कोटा - राजस्थान चले आये ......
यकीन मानिए कि पूरी कालोनी में हमारा एकमात्र घर था जहाँ LPG थी , पर हमारी माँ फिर भी Stove ही जलाती थीं क्योंकि उन्हें चिंता रहती थी कि अगर gas खत्म हो गयी तो सिलेंडर कैसे भरायेगा ??????
वहीं Gangtok में हमारे एक गुरु जी थे KV में , हिंदी पढ़ाते थे , श्री संत शरण शर्मा जी ......उन्ने न जाने कैसे जुगाड़ बैठा के एक नया नकोर लम्ब्रेटा स्कूटर लहा लिया और उसे रेल में बुक करा के आगरा ले आये ......ये वो ज़माना था जब कि देश मे बजाज के स्कूटर प्रीमियम पे बिकते थे मने 5000 का स्कूटर और 5000 black दो तब 10,000 में स्कूटर मिलेगा ......
आधुनिक भारत के निर्माता लेहडू चिचा कितने बड़े युगद्रष्टा थे इसका एक और क़िस्सा सुनिये ...... लिहडू चिचा ने 1957 में राजधानी दिल्ली के विकास के लिए DDA बोले तो Delhi Development Authority की स्थापना की ...... ऐसी एजेंसियां जो मास्टर प्लान बनाती हैं उसमे अगले 50 वर्षों की planning करती हैं कि 50 साल बाद ये कैसा शहर होगा उसकी planning करके शहर बसाया जाता है ...... उसकी सड़कें , bridge , public transport , रेलवे स्टेशन , बिजली पानी की बेवस्था सब 50 साल का सोच के की जाती है ......
लिहडू चिचा के कहते थे , मेरे सपनों का भारत ...... चिचा ने सपने में भी कभी नही सोचा था कि साले दिल्ली वाले जिनगी में कभी कार तो छोड़ स्कूटर भी खरीद पाएंगे ........इसलिये 60 और 70 के दशक में बने दिल्ली के DDA flats देख लीजिये ......किसी flat में कार तो छोड़ो स्कूटर तक खड़ा करने की जगह नही है ......
लेहडू चिचा कितने बड़े युगद्रष्टा थे इसकी एक और मिसाल India Unbounds नाम किताब के लेखक गुरुचरण दास ने दी है ...... आप 60 और 70 के दशक में P&G मने procter & Gamble के CEO रहे हैं .....
आप लिखते हैं कि लिहडू चिचा पूछते थे कि Why should a country like India have 10 brands of Toothpaste ????
भारत जैसे देश मे टूथपेस्ट के 10 ब्रांड क्यों होने चाहिये ????
क्या आप जानते हैं कि नेहरू और इंदिरा के भारत मे किसी कंपनी को टूथपेस्ट की ज़्यादा tube बनाने के लिए भी भारत सरकार से आज्ञा लेनी पड़ती थी।
70 के दशक में एक बार तमिलनाडु में फ्लू फैल गया।
P&G का मशहूर Vicks inhaler और Vicks veporub तब भी बनता था।
फ्लू फैला तो Vicks बाजार से गायब हो गया। कंपनी ने भारत सरकार से 5 लाख Vicks inhaler अतिरिक्त बनाने की permission मांगी तो वो permissison डेढ़ महीने में जब तक आयी , फ्लू ठीक हो चुका था ......
बजाज के पास तब भी क्षमता थी कि लाखों स्कूटर बना देते पर नेहरू और इंदिरा ने उनको कभी स्कूटर बनाने ही नही दिया।
गुरुचरण दास लिखते हैं कि बिड़ला जी के बेटे आदित्य बिड़ला ने भारत मे जब hindalco खड़ी की तो नेहरू इंदिरा ने उनको इतना परेशान किया कि उन्होंने कसम खा ली कि फिर कभी देश मे कोई factory नही लगाऊंगा।
इसके बाद उन्होंने अपने जीवन मे देश के बाहर 32 बहुत बड़ी बड़ी Mills factories बनाई पर भारत मे कभी नही लगाई .......
इसलिये आज के बाद कोई खानग्रेसी गणचट ये कहे न कि नेहरू जी ने IIT और AIIMS बनाया तो उसके जी में इस पोस्ट की बत्ती बना के घुसेड़ देना।
लिहडू चिचा को एक्सपोज करने का क्रम चलता रहेगा ......