दो भाईयों का आपस मे मिलना अच्छी बात है. मराठी भाषा पर राजनीति करने पर भी कोई आपत्ति नही है.लेकिन राज ठाकरे ने आज मंच से एक बहुत ही खतरनाक बात कही, उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, अगर आपको किसी को पीटना है, तो उसका वीडियो मत बनाओ. उसे खुद बताने दो कि उसकी पिटाई हुई है. तुम्हें सबको बताने की ज़रूरत नहीं है.
एक राजनेता खुलेआम हिंसा को बढ़ावा दे रहा है. कानून बेबस नजर आ रहा है. राज ठाकरे पर CBI और ED का भी इस्तेमाल नही किया जा रहा है. ये कैसी राजनीति की जा रही है? राजनीति है या गुंडागर्दी? क्या अब भाषा के नाम पर लोगों को लड़ाकर चुनाव जीते जाएंगे..? खैर निर्णय तो जनता को ही करना है और वो करेगी