इस सच को गाँठ बांध लो.....!!
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क्योंकि.....बिना मोदी के तुम्हारी औकात हिन्दू नाम का एक पोस्टर लगाने की नहीं है।
गैर भाजपा की सरकार के राज्यों में एक टिप्पणी पर तुम उठा लिए जाते हो और बेल्ट, लातों और जूते से पीटे जाते हो......चाहे तुम राजपूत हो या ब्राह्मण या जाट यो कोई ओर ....... कर्नाटक, बिहार, झारखंड, बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिल नाडु , आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना , महाराष्ट्र (जब कॉंग्रेस और उद्धव की सरकार थी) कश्मीर और राजस्थान((जब कॉंग्रेस के अशोक गेहलोत की सरकार थी) में हिन्दुओं की हालत देख लो ।
ये जो कॉन्फिडेंस है ना ये मोदी का दिया हुआ है वरना दो मिनट लगते और तुम सब सोशल मीडिया से दुम दबाकर भाग लिए होते। आज भी हिन्दू सोशल मीडिया पर खुलकर नहीं लिख पाता है....
क्यों कि डर है कि कहीं कोई मेरे ऊपर केस ना कर दे।
जरा सोचो...... जिस दिन मोदी योगी पहाडों में चला गया तो आपका ये डर और कितना अधिक बढ़ सकता है।
सोचो किसने कहा था : 'जब मोदी योगी चले जाएंगे तब तुम्हें कौन बचाएगा' ??
हिन्दुओं में भूलने की बहुत बुरी आदत है.....वरना याद होता कि कांग्रेस चाह रही थी कि सत्ता में यदि आये तो सोशल मीडिया के पर काटने पड़ेंगे अर्थात तुम्हारे अर्थात हिन्दुओं के।
खुद देख लो झारखंड या महाराष्ट्र में कैसे साधुओं की हत्या हुई थी, अरनब गोस्वामी को कैसे घसीट कर जेल में ठूस दिया गया था ।
कॉंग्रेस राज में :
किसी ने "जाहिल" लिखा अंदर हो गया। किसी ने "पैंगविन" लिखा अंदर हो गया। किसी ने "श्याणा" लिखा बुरी तरह से पीटा गया। किसी ने "मीम" बनाया अंदर हो गया। किसी ने "आलोचना" की, घर में घुसकर उसके बाल मूंड लिए गए, महाराष्ट्र में नवनीत राणा और रवि राणा को हनुमान चालीसा पढ़ने पर देशद्रोह का केस लगाकर जेल में ठूंस दिया। मैं किसी तरह के अपशब्द या फर्जीवाड़े की बात नहीं कर रहा। लाखों उदाहरण हैं ।
आज स्थिति और डर ये बनाया जा रहा है कि ऐसे मामूली शब्द लिखने से पहले भी तुम लोग 10 बार पैंट में सूसू कर दो कि कहीं मेरे साथ कुछ न हो जाये।
हालांकि ये सब करने के बाद भी ऐसी सरकारों में एक डर है कि केंद्र में तो मोदी ही है इसलिए इनको आत्मबल मिलता रहता है और फिर यह बाउंस बैक करते रहते हैं कि......काश किसी तरह मोदी और शाह को उखाड़ दें, फिर इन विरोधियों का वो हाल करेंगे कि इनकी सात पुश्तें भी याद रखेंगी कि इन्होंने क्या गलती कर दी थी।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा हिन्दुओं का 300 साल पुराना मंदिर तोड़े जाने पर अमन चौपड़ा द्वारा सच्चाई दिखाने पर उसपर FIR दर्ज कर दी जाती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का दिल्ली पुलिस पर कमांड नहीं है तो पंजाब से पुलिस भेजकर भाजपा नेता तेजेन्द्र बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार करने की कोशिश की गई।
अर्नब ने अंटोनिया कहा, उस पर सबको मजा आया लेकिन लोग यह भूल गए कि यही सोनिया थी जिस पर एक समय किसी पत्रकार की हिम्मत नहीं थी कि सवाल खड़े कर दे। गूगल करने बैठ जाओगे तो एक आर्टिकल नहीं मिलेगा जहां किसी पत्रकार ने इसको कभी कठघरे में खड़ा किया होगा।
इस पर टिप्पणी तब से ही शुरू हुई जब दिख गया कि मोदी आ रहा है और अब हमें बैक सपोर्ट है। बहुत से जो कभी सोनिया के चरणों में पड़े रहते थे खुद को लिबरल और हिंदुओं और उनकी आस्थाओं को गाली देते थे, ऐसे सैकड़ों 2014 का नतीजा सामने दिखते ही पलटी मार गये।
यह है मोदी की ताकत...
हम सब उसी ताकत के बल पर उछलते आये हैं। यह कहना बहुत आसान है कि मोदी जाएगा तो कोई और आएगा लेकिन ऐसा ही "सेक्युलर" घोषित होने के बाद अटल के लिए कहा गया था और 10 साल फिर सत्ता कांग्रेस को सोंप दी थी।
2014 तक तो वो इतने निश्चिन्त रहते थे कि 26/11 या भगवा आतंकवाद रच लो.....वापिस आ ही जायेंगे लेकिन अब उन्हें पता है कि एक बार सत्ता में आये तो उसके बाद किन किन खतरों को कुचलना है ताकि सत्ता बनी रहे और उनमें सबसे पहला है सोशल मीडिया।
उन्हें पता है कि लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है जैसा चूतियापा सिर्फ बोलने के लिए होता है। असल में जनता को ज्यादा छूट देनी सत्ता के लिए हानिकारक होती है। इसलिए इनका हाल वैसा रखो जैसा कि मुर्ग़े की एक एक पंख छील दिए जाते हैं और अंत में उसके सामने कुछ दाने फेंक दिए जाते हैं और वो मुर्गा अपने दर्द को भुलाकर दाने खाने लगता है और वापिस उस पंख छीलने वाले के आस पास मंडराने लगता है।
ये काम इंदिरा ने करके दिखा भी रखा है..... इमरजेंसी के नाम पर तुम्हारी जमकर गांव तुड़ाई करी और तीन साल बाद तुम मुर्गे..... वापिस इंदिरा को ले आये। एक बार फिर कांग्रेस यही करेगी.....लेकिन उसके रास्ते में जो खड़ा है वो है मोदी।
मोदी के दम पर ही शाह खड़ा है और इनके दम पर ही योगी की सत्ता भी इतनी कॉन्फिडेंट है कि आजम खां जैसे को पूरे परिवार के साथ अंदर डाल रखा है जो यदि वापिस सत्ता में आ गया तो वो इंसान अपना बदला लेना बिल्कुल नहीं भूलता।
इसी तरह जिस सोनिया पर अर्नब जैसे हाथ डाल रहे हैं वो तो फिर भी औरत है जिसने पहले ही खतरा दिखते मोदी शाह को पोलिटिकल किल करने के लिए क्या क्या षडयंत्र रच दिए थे। इस बार तो वो कानून का सहारा भी ले सकती है, तुम जैसों को ठीक करने के लिए।
इसलिए यह गलतफहमी जितनी जल्दी हो सके उतार दो कि हमसे मोदी है, हम मोदी को वोट देते हैं इसलिए वो सत्ता में है.....
तुम उसी शिव सेना जैसे भर हो जो जब भाजपा के साथ थी तो दिन रात सामना या अन्य तरीके से मोदी पर गरियाती थी और उसे देख लेने की धमकी देती थी। आज बिना मोदी के उसकी हालत यह हो गयी है कि दो कौड़ी का कांग्रेसी भी उसे कह देता है कि हमें भाजपा न समझना, दो मिनट में औकात दिखा देंगे। कोई उसके सावरकर को गाली निकाल देता है तो कोई उसके शिवाजी की मूर्ति हटवा देता है और शिव सेना जो अपने को हिंदुत्व का मसीहा दिखाया करती थी, वो आज पूंछ दबाकर यहां वहां घूम रही है और अपमानित और मजाक का पात्र बनकर रह गयी है। बस यही तुम जैसे भी हो इसलिए अपनी औकात भूलने की गलती मत करो जो शिवसेना ने भी करी थी और अब पछता रही है।। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है शिवसेना के लिए । कुछ राजपूत बहुत उछल रहे हैं वो औकात से बाहर न जाएँ । अकेले तुम घंटा कुछ नहीं हो। अकेले हम कुछ नहीं है अकेले ब्राह्मण कुछ नहीं है अकेले बनीये कूछ नही है कुछ नहीं है इसलिए ज्यादा मत सोचो नहीं तब कांग्रेस आते ही तुम्हारी औकात दिखा दी जाएगी
आप BJP को चाहे लाख गाली दे लो लेकिन इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता कि..
आज हिन्दू हित में एक बीजेपी ही खुलकर हम हिन्दुओं के पक्ष से बोल रही है.