हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा जो की अंग्रेजी तारीख के अनुशार इस बार 09 अप्रैल 2024 को है, यानी आजा मात्र 4 दिन बाद।
🪔इसी उपलक्ष में एक मुहिम आम हिंदू जनमानस द्वारा शुरू की गई है " हिंदू नववर्ष दिव्य दीप उत्सव " जिसमें सभी सनातनियों को अपने घर में अथवा निकटतम मंदिर में नव वर्ष के दिन 11 दीपक प्रज्वलित करने हैं ठीक संध्या 8 बजे।
🪔इस मुहिम में सभी सनातनियों को हिस्सा लेना चाहिए और नव वर्ष की संध्या को हिंदू राष्ट्र के संकल्प के साथ 11 दीपक प्रज्वलित कर जगमग कर देना है।
इस मुहिम को ट्विटर पर भी मजबूती से उठाएं और दीपक प्रज्वलित कर अपनी एक सेल्फी लेकर हिंदू नव वर्ष २०८० लिखकर ट्वीट करें आप चाहें तो @officialteamps को टैग कर सकते हैं
सभी सनातनियों को इस महापर्व को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी शुरू करनी ही चाहिए और सबको सूचित भी करना चाहिए। चैत्र प्रतिपदा "हिंदू नववर्ष" एक अत्यंत महत्वपूर्ण उत्सव है जिसे मनाने के पीछे अनेकों कारण हैं।
खास बात ध्यान दें की हर हिंदू त्योंहारों पर आसुरी शक्तियां हमला करती हैं उनसे निपटने की भी पूरी तैयारी हिंदुओं को करनी चाहिए
विक्रम संवत को हिन्दू नववर्ष इसलिए बोला जाता है क्योंकि यह प्राचीन हिन्दू पंचांग पर आधारित है।
हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा गुड़ी पड़वा से होता है। इस नववर्ष को प्रत्येक राज्य में अलग अलग नाम से पुकारा जाता है परंतु है यह नवसंवत्सर। गुड़ी पड़वा, होला मोहल्ला, युगादि, विशु, वैशाखी, कश्मीरी नवरेह, उगाडी, चेटीचंड, चित्रैय तिरुविजा आदि सभी की तिथि इस नव संवत्सर के आसपास ही आती है।
वैज्ञानिक पद्धति से तैयार किया गया विक्रम संवत कैलेंडर पूर्ण रूप से वैज्ञानिक गणना पर आधारित है जहाँ नववर्ष को प्रतिवर्ष चैत्र माह में मनाया जाता है। चैत्र माह में प्रकृति में चारों ओर उत्साह एवं सौंदर्य प्रदर्शित होता है एवं बसंत ऋतु का आगमन होता है। हिन्दू नववर्ष के अवसर पर सम्पूर्ण प्रकृति ही नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार प्रतीत होती है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी हिन्दू नववर्ष को अत्यंत पवित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।