लेख : जनहित या ही कहें समाज हित में - मानव धरती को सभी योनियों में सबसे श्रेष्ठ कहा गया है लेकिन कुछ आदतें या ये कहें संस्कार ऐसे ले लेता है जिससे वो इस श्रृष्टि का सबसे मूर्ख जीव बनकर श्रृष्टि को हानि पहुंचाने लगता है। ऐसी कई आदतें लोगों में होती हैं जो बड़ी आसानी से बदलकर ठीक की जा सकती हैं और इसी प्रयास में संभवत ये छोटा सा वीडियो बनाया गया होगा जिसे हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं... देखिए, समझिए और श्रृष्टि के लिए लाभकारी बनिए, हानिकारक नहीं।
उपरोक्त वीडियो में भले ही एक दो आदतों पर फोकस किया गया है लेकिन ऐसी कई आदतें हम में हो सकती हैं जो दिखने में बहुत छोटी हो परंतु उन्हें ठीक करने से उनका परिणाम बहुत बड़ा हो सकता है। लिए हम भी अपनी कुछ गलत आदतों को पहचान कर उन्हें बदलने का प्रयास कर इस सृष्टि के कल्याण में सहभागिता निभाएं।
वैसे इस प्रकार की गलत आदतें लोगों में इसलिए लगती है क्योंकि वर्तमान में बच्चों को बचपन में उचित धर्म संस्कार और ज्ञान नहीं दिया जाता इसलिए वह बच्चे बड़े होकर गलत आदतों के कारण अपने व्यक्तित्व को बिगाड़ लेते हैं और समाज के लिए भी हानिकारक सिद्ध होते हैं। इसलिए हर परिजन का कर्तव्य है कि बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करें उचित धर्म ज्ञान प्रदान करें ताकि उनका जीवन भी सुखमय हो और समाज के लिए भी वह अच्छे सिद्ध हो।