सच कहूं जब मुझे बताया गया कि मास्को मेट्रो का उद्घाटन 1935 में हुआ तब मुझे विश्वास नहीं हुआ कि 1935 में इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी वाली और इतनी विशाल मेट्रो सिस्टम कैसे बनी होगी?
वह भी पूरी की पूरी जमीन के नीचे
जैसे आज दिल्ली मेट्रो है और हम सब दिल्ली मेट्रो में बैठते हैं तो आश्चर्यचकित होते हैं वैसे ही 1935 में ही मास्को मेट्रो बन चुकी थी इतना ही नहीं 1935 में ही सेंट पीट्सबर्ग तब जिस शहर का नाम लेनिनग्राड हुआ करता थाIवहां की मेट्रो मास्को मेट्रो से भी ज्यादा एडवांस बनाई गईIउसे जमीन से 200 मीटर गहराई में बनाया गया ताकि वह परमाणु बंकर का भी काम कर सके Iक्योंकि सेंट पीट्सबर्ग यूरोप से एकदम सटा हुआ था इसलिए नाजी सेनाओं द्वारा या अमेरिका द्वारा उस पर परमाणु बम गिराए जाने का सबसे ज्यादा खतरा थाI
इधर आतंकवादी हिन्दू द्रोही कांग्रेसी राजीव गांधी द्वारा 1986 में अपने ऑफिस में कंप्यूटर रखे जाने वाली फोटो वायरल करने के बाद से नारा लगाते हैं "हमाले लादीव गांली भारत में कंप्यूतल लाए थे कंप्यूतल,I
बूढ़े हमासी किकियाते हैं हमाले लादीव गांधी तंप्यूटल लेतल आए तँप्यूटल।
डीसीएम कंपनी का कंप्यूटर का यह विज्ञापन राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के पहले का है।