कुत्ता मत पालो...कुत्ते की जगह औरतें पालो एक दो तीन जितनी मिलें उनपे कब्ज़ा करो । क्या वाकई यही मजहब है? यदि यही मजहब है तो ये धर्म तो कभी नहीं हो सकता.. हमारे अनुशार तो ये अधर्म है...
ये ऐसी मानसिकता है जो केवल हवस और एक घटिया एजेंडे से भरी पड़ी है , पूरी दुनिया में अशांति और आतंक फैला रही है।