प्रभु विराजमान हो गए अब बारी हैं राम राज्य की और राम राज्य तो अधर्म के नाश के बिना संभव नहीं। प्रभु ने जन्म लिया और तब तक राज्यभिषेख नहीं करवाया जब तक अधर्म का अंत नहीं किया। अब कलयुग में भी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा तो हो गई लेकिन अब सभी भक्तों को अपने भीतर से लेकर समाज में व्याप्त अधर्म को नष्ट करने का प्रयास करना होगा। प्रभु श्री राम "शस्त्रधारी" हैं तो क्या राम भक्तों को अपनी और धर्म की रक्षा के लिए विचार नहीं करना चाहिए🗡️?
राम राज्य का संघर्ष अभी शेष है... खैर अभी तो खुशियों का समय है तो खुशियां मनाइए