दरअसल मंगलवार (23 जनवरी, 2024) को सपा नेता ‘कर्पूरी ठाकुर सेना’ के गाजीपुर लंका मैदान में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के जन शताब्दी वर्ष समारोह में मौजूद थे। इस दौरान कभी बीजेपी में रहे मौर्य ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अभद्र और आपत्तिजनक बात कही।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “देखो-सुनो, पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहाँ पत्थरों में प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है। हमारे समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता हैं भाटी जी, जिन्होंने कहा कि संत जी वो तो अच्छा है, अपने परिवार में मरने वाले लोगों की जनवासे होती हैं। उसमें भी प्राण प्रतिष्ठा कर दो। हमेशा जिंदा रहा करेंगे, फिर मरेंगे ही नहीं अमर हो जाएँगे।”
सपा नेता ने आगे कहा, “अगर प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है तो प्राण प्रतिष्ठा करने से मुर्दा क्यों नहीं चल सकता है। यहाँ पर पाखंड है, ढोंग है, आडंबर है। और वैसे भी जो खुद भगवान है, जो सबका कल्याण करता है। हम इंसान की क्या हैसियत की हम उसको प्राण प्रतिष्ठा करें।”
बताते चलें कि ये पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य के मुँह से सनातन और हिंदू देवी-देवताओं के लिए अपशब्द निकले हैं। इसके पहले सपा नेता मौर्य ने 22 जनवरी, 2023 को कहा था कि अब करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, इसमें सब बकवास है। स्वामी प्रसाद ने सरकार से रामचरितमानस में कुछ अंश को आपत्तिजनक बताते हुए उसे हटाने की माँग तक कर डाली थी।
उन्होंने कहा था कि अगर वो अंश न हट पाए तो पूरी किताब को ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि वो रामचरितमानस को धर्म ग्रंथ नहीं मानते क्योंकि इस किताब को तुलसीदास ने अपनी खुद की खुशी के लिए लिखा था।
स्वामी प्रसाद ने 25 जनवरी, 2023 को भी साधु-संतों का अपमान किया था। तब सपा नेता ने कहा था कि उनके कहने पर जनजाति, दलित, पिछड़े, और महिलाएँ मंदिर में आना बंद कर दें तो चढ़ावा बंद हो जाएगा। इससे उनकी (संत) पेट पूजा बंद हो जाएगी। इसलिए, वे (संत) पागलों की तरह भौंक रहे हैं।
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने 27 जनवरी, 2023 को ट्वीट किया था, “हाल ही में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते। किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए – आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद?”
सपा नेता मौर्य बयान का ही दुष्प्रभाव था कि 29 जनवरी, 2023 में उनके समर्थन में देवेंद्र यादव और सुरेश यादव ने रामचरितमानस की फोटो कॉपी किए पेज जलाए गए थे। इन दोनों पर ही हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस की प्रतियों का अनादर करने और उन्हें जलाने के आरोप हैं।
इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जनवरी 2024 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ दोनों आरोपितों द्वारा दायर याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।
yeh converted chistian hame bashaan Naa de aur hamare dharmik anustahno mai maat aye,apne sujaab apne father aur apne mullo ko de,Happy Republic Day
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