VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 7 श्लोक 11
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅दिनांक - 12 नवम्बर 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - कार्तिक
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - स्वाती रात्रि 02:51 (13 नवम्बर 02:51 A.M) तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग - आयुष्मान शाम 04:25 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅राहु काल - शाम 04:33 से 05:56 तक
⛅सूर्योदय - 06:51
⛅सूर्यास्त - 05:56
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 05:59 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), दीपावली, दीपमालिका, महालक्ष्मी-शारदा-कुबेर पूजन, बही-खाता पूजन, स्वामी रामतीर्थजी जयंती एवं पुण्यतिथि (ति.अ.), श्री महावीर स्वामी निर्वाण दिवस, महामना पं. मदनमोहन मालवीय पुण्यतिथि (दि.अ.)
⛅विशेष - (नरक चतुर्दशी के दिन तिल का तेल मालिस कर सकते हैं ) अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹 नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग)- 12 नवम्बर 2023 🌹
🌹दीपावली - 12 नवम्बर 2023🌹
🔸सुख-सम्पदा - आरोग्य बढ़ाने हेतु🔸
🔹(१) दीपावली के दिन नारियल व खीर की कटोरी लेकर घर में घूमें । घर के बाहर नारियल फोड़ें और खीर ऐसी जगह पर रखें कि कोई जीव-जंतु या गाय खाये तो अच्छा है, नहीं तो और कोई प्राणी खाये । इससे घर में धन-धान्य की बरकत में लाभ होता है ।
🔹(२) घर के बाहर हल्दी और चावल के मिश्रण या केवल हल्दी से स्वस्तिक अथवा ॐकार बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है। द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण (बंदनवार) बाँध दें । उससे पसार होनेवाले की रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी ।
🔹(३) आज के दिन सप्तधान्य उबटन ( पिसे हुए गेहूँ, चावल, जौ, तिल, चना, मूंग और उड़द से बना मिश्रण) से स्नान करने पर पुण्य, प्रसन्नता और आरोग्यता की प्राप्ति होती है । दिवाली के दिन अथवा किसी भी पर्व के दिन गोमूत्र से रगड़कर स्नान करना पापनाशक स्नान होता है ।
🔹(४) इन दिनों में चौमुखी दीये जलाकर चौराहे पर चारों तरफ रख दिये जायें तो वह भी शुभ माना जाता है ।
🔹(५) घी, गुड़, चंदन चूरा, देशी कपूर, गूगल, चावल, जौ और तिल इन आठ चीजों का मिश्रण करके अगर कुटुम्ब के लोग दिवाली की रात जले हुए गाय के गोबर के कंडे पर पाँच-पाँच आहुतियाँ डालते हैं तो उस घर में सम्पदा और सुसंवादिता की सम्भावना बढ़ जाती है । मंत्र ॐ स्थानदेवताभ्यो नमः । ॐ ग्रामदेवताभ्यो नमः । ॐ कुलदेवताभ्यो नमः। फिर विशेष रूप से दो अथवा पाँच आहुतियाँ लक्ष्मीजी के लिए डालें ।
🔹(६) घर में विसंवादिता मिटाने के लिए गौ-चंदन अगरबत्ती पर देशी गाय का घी डाल के जलायें, घर के लोग मिलकर 'हरि ॐ' का गुंजन करें।दीवाल पर या कहीं भी अपने नेत्रों की सीध में इष्टदेवता या सद्गुरु के नेत्र हों, उन्हें एकटक देखें और आसन बिछाकर ऐसी ध्वनि (ॐकार का गुंजन) करें और दिनों में । नहीं कर सकें तो दिवाली के पाँच दिन तो अवश्य करें, इससे घर में सुख-सम्पदा का वास होगा। परंतु यह है शरीर का घर, तुम्हारा घर तो ऐसा है कि महाराज! सारी सुख-सम्पदाएँ वहीं से सबको बँटती रहती हैं और कभी छूटती नहीं। उस अपने आत्म-घर में आने का भी इरादा करो ।
🌹दीपावली की रात्रि जप करने योग्य लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र
🔸दिवाली की रात कुबेर भगवान ने लक्ष्मी जी की आराधना की थी जिससे वे धनाढ्यपतियों के भी धनाढ्य कुबेर भंडारी के नाम से प्रसिद्ध हुए, ऐसा इस काल का महत्व है । रात्रि को दीया जलाकर इस सरल मंत्र का यथाशक्ति जप करें :
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा'
🌹दीपावली से आरंभ करें लक्ष्मी प्राप्ति साधना🌹
🌹दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रकार की साधनाएँ करते हैं । हम यहाँ अपने पाठकों को लक्ष्मीप्राप्ति की साधना का एक अत्यन्त सरल व मात्र त्रिदिवसीय उपाय बता रहे हैं ।
🌹दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में धूप, दीप व अगरबत्ती जलाकर शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके, ललाट पर केसर का तिलक कर, स्फटिक मोतियों से बनी माला नित्य प्रातःकाल निम्न मंत्र की दो-दो मालाएँ जपें ।
🌹ॐ नमः भाग्यलक्ष्मी च विद् महे ।अष्टलक्ष्मी च धीमहि । तन्नोलक्ष्मी प्रचोदयात् ।
🌹दीपावली लक्ष्मीजी का जन्मदिवस है । समुद्र मन्थन के दौरान वे क्षीरसागर से प्रकट हुई थी । अतः घर में लक्ष्मी जी के वास, दरिद्रता के विनाश और आजीविका के उचित निर्वाह हेतु यह साधना करने वाले पर लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं ।
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