दुर्घटना बालासोर जिले के बाहानगा स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर पनपना के पास हुई है। वहाँ शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841-अप) बेपटरी हो गई और यशवंतपुर (बंगलुरु) से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन से साथ टकरा गईं। कोरमंडला एक्सप्रेस की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि वह पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से जा टकराई।
इस हादसे के बाद बचाव कार्य तेज गति से चालू है और स्थानीय लोगों ने भी जमकर बचाव कार्य में अपना सहयोग दिया है। जानकारी के अनुशार लगभग 3000 यूनिट रक्तदान भी लोगों ने किया
दुर्घटना में स्थानीय प्रशासन और NDRF के अलावा थलसेना और वायुसेना को तैनात किया गया है। सेना के जवान बोगियों में फँसे लोगों को निकाल रहे हैं। घायलों को वायुसेना का हेलीकॉप्टर नजदीकी अस्पतालों में लेकर जा रहा है। इसके अलावा, घटना स्थल पर 100 से अधिक एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं।
पीएम मोदी हादसे वाली जगह पर जाएँगे और कटक में अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे। हादसे की जानकारी सामने आने के बाद पीएम मोदी ने शनिवार (3 जून 2023) एक उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें NDRF के प्रमुख भी शामिल थे।
वहीं, इस घटना की जाँच रेलवे ने शुरू कर दी है। जाँच की जिम्मेदारी दक्षिण-पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त को दी गई है। बता दें कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अधीन काम करता है और इस प्रकार के सभी हादसों की जाँच करता है।
घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया है। रेल मंत्रालय की ओर से हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, हादसे में घायल लोगों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, जिन लोगों को मामूली चोट लगी हैं, उन्हें 50 हजार रुपए दिए जाएँगे।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। ये राशि पीएमएनआरएफ (PMNRF) फंड से दिए जाएँगे। इस तरह मृतकों को 12 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की गई है।
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में स्थानीय लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुरुआती दौर में उन्होंने ना सिर्फ पीड़ितों को बाहर निकाला और उन्हें पानी पिलाया, बल्कि इसमें गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए दिल खोलकर रक्तदान भी किया। इस हादसे में 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 के लगभग लोग घायल हैं। ओडिशा और ओडिशा में एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है।
एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक के डॉक्टर जयंत पांडा ने बताया, “युवाओं से बहुत बड़ी प्रतिक्रिया मिल रही है। सैकड़ों लोगों ने रक्तदान किया। कटक, बालासोर और भद्रक में कल रात से अब तक 3000 यूनिट से अधिक रक्त एकत्र किया जा चुका है। हमने सीएम और पीएम राहत कोष में भी दान दिया है।”
घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। वहाँ 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयाँ काम कर रही हैं। ट्रैक्टर समेत तमाम तरह के वाहनों से शवों को अस्पताल ले जाया जा रहा था।
बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजकीय शो घोषित किया है। वहीं, देश भर में कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। सभी पार्टियों ने इस दर्दनाक घटना पर एकजुटता प्रदर्शित की है। भाजपा ने अपने 9 साल की उपलब्धियों से संबंधित कार्यक्रम रद्द कर दिया है। वहीं, गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने का समारोह भी रद्द कर दिया गया है।
सबसे बड़े दुख की बात ये हैं की ऐसी दुर्घटना के बाद कुछ लोग अपनी गंदी और घटना राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। इस समय केवल बचाव कार्य पर ध्यान होना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा पीड़ितों को बचाया जा सके लेकिन कुछ दुष्ट मानसिकता के नेता और उनके चमचे राजनीति कर रहे हैं।
कुछ लोग "कवच" प्रणाली को घेर रहे हैं को मार्च 2022 में इस सोच के साथ लॉन्च को गई को देश में ऐसे हादसे ना हों, लेकिन अभी ये प्रणाली पूरे देश की पहुंच नहीं पाई और जहां ये दुर्घटना हुई वहां भी इसका काम नहीं हो पाया लेकिन लोग उस प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं जो प्रक्रिया में हैं पूरी तरह लागू नहीं हो पाई क्योंकि अभी इसे तैयार हुए बहुत ही कम समय हुवा है।
सभी से यही निवेदन है को ऐसे समय पर अपनी राजनीति को साइड रखें और जो मदद कर सकें वो करें बाकी राजनीति 2 - 4 दिन बाद भी को जा सकती है।