एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट करते हुए कहा की 👇
नाम-अनामिका दुबे
पिता-चन्द्रिका प्रसाद दुबे
निवासी-अमखेरा,जबलपुर (MP)
चंद्रिका प्रसाद दुबे जी क्या आपको पंडितों में एक भी लड़का नहीं मिला, जो आप अपनी लड़की को स्वयं मौत के मुंह में धकेल रहे हो..
एक बड़ा फ्रीज गिफ्ट कर देना शादी में ताकि बाद में उसमें पैक हो सके। #lovejihaad
एक तरफ मुसलमान अपनी बहन बेटियों की दोस्ती तक हिंदुओं से पसंद नहीं करते और जहां हिंदू लड़का और मुस्लिम लड़की साथ में दिख जाए वही हंगामा कर देते हैं लड़कियों को इस्लाम का ज्ञान देते हैं और लड़कों की पिटाई कर देते हैं लेकिन हिंदू खुद अपनी बेटियों की शादी मुस्लिम लड़कों से करवा रहे हैं वह भी दुबे जी जो कि कहने को एक ब्राह्मण जाति से है (ब्राह्मण जाति के हैं लेकिन ब्राह्मण है ऐसा नहीं कह सकते क्योंकि "ब्राह्मण" वही है जो अपने धर्म को समझे उसका अनुसरण करे ,उसका प्रचार प्रसार करे, उसकी रक्षा करे)
वैसे कुछ लोगों के मन में यह भी प्रश्न है कि कहीं दुबे जी और उनके परिवार को किसी प्रकार की धमकी आदि देकर या कोई वीडियो वायरल करने की बात करके यह निकाह तो नहीं किया जा रहा? इसकी भी जांच प्रशासन को करनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्ड और मैरिज सर्टिफिकेट के वायरल होने पर हिन्दू संगठनों ने विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया। गुरुवार (1 जून, 2023) को हिन्दू संगठनों का एक प्रतिनिधि मंडल जिले की एडिशनल एसपी से मिला और मामले को साजिश बताते हुए जाँच की माँग की। हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस को ज्ञापन दे कर इसमें लड़की के धर्म परिवर्तन का भी आरोप लगाया। इस बीच संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने लड़की के परिवार से भी मुलाकात की।
बताया जा रहा है कि लड़की की माँ ने भी अयाज पर अपनी बेटी के साथ ‘लव जिहाद’ की साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी बेटी को अयाज के घर बताते हुए वापस अपने साथ भेजने की माँग की। अनामिका की माँ का आरोप है कि अयाज ने उनसे लम्बे समय तक नाम बदल कर बातचीत की थी। लड़की की माँ ने प्रशासन पर भी अपनी बेटी के निकाह की जानकारी खुद को न देने का आरोप लगाया।
पुलिस द्वारा लड़की की माँ के आरोपों का खंडन
हालाँकि, जबलपुर पुलिस ने लड़की के माँ के आरोपों का खंडन किया है और उन्हें सब कुछ पहले से पता होने की जानकारी दी है। जबलपुर पुलिस के मुताबिक, लड़की और लड़का लगभग 8 वर्षों से एक दूसरे से प्रेम करते थे। इन दोनों ने नवंबर 2022 में निकाह करने के लिए जिले के कलेक्ट्रेट ऑफिस में आवेदन दिया था। पुलिस का यह भी दावा है कि दोनों परिवारों ने इस दौरान निकाह के लिए सहमति दी। इस दौरान लड़की के घर वालों ने अपनी एक और बेटी की शादी का हवाला दे कर फरवरी 2023 तक बड़ी बेटी अनामिका की विदाई रोकने की शर्त रखी थी
पुलिस ने आगे बताया कि फरवरी 2023 में अनामिका की छोटी बहन की शादी हो गई। इसके बाद अप्रैल 2023 में आपसी सहमति से अनामिका को उसकी ससुराल भेजा गया था। अयाज के घर भेजने के दौरान लड़की के घर वालों ने अनामिका को गिफ्ट आदि भी दिए थे। सारांश के तौर पर पुलिस ने बताया कि इस मामले में कोई अपराध होना नहीं पाया गया है। अयाज साथ निकाह रहना और उसके घर पर रहने को लड़की की मर्जी बताया गया। लड़की के परिवार वालों ने भी अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट कहीं दर्ज नहीं करवाई है।
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वैसे हिंदू बच्ची जब अन्य मजहब और पंथ में जाति है और वहा यदि उसका ब्रेनवाश होता है और उसके द्वारा पैदा किए गए बच्चे हिंदू धर्म, मूर्ति पूजा आदि को हराम मानते हैं तो वो हमारे समाज के लिए भी खतरा बनते हैं। इसलिए ऐसा होने से रोकना पूरे समाज का कर्तव्य है और यदि कोई परिवार ऐसा करता है तो क्या उसका सामूहिक बहिष्कार करना चाहिए? ताकि समाज को संदेश जाए को अपनी बच्चियों को संभालो और अपने समाज, स्वधर्म में ही उसका विवाह सुनिश्चित करो।