बिहार सरकार और प्रशासन शुरू से ही हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जी का विरोध कर रहे हैं और अब बिहार में धीरेंद्र शास्त्री जी के पोस्टर फाड़े गए लेकिन अपराधियों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री जी बिहार में हनुमंत कथा करने पहुंचे हुए हैं और इनका विरोध बिहार सरकार के कई मंत्री मूर्खता वश कर चुके हैं और इन्हीं मंत्रियों की बदजुबानी के कारण अपराधियों में इतनी हिम्मत आ गई कि उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री जी के पोस्टर फाड़ दिए और इन पर कोई कानूनी कार्यवाही भी नहीं हुई है।
बता दें कि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पटना पहुँचने से पहले भी कई जगहों पर उनके पोस्टर फाड़े गए थे। रात के अंधेरे में पोस्टर फाड़ने वालों की हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई थी। हालाँकि, फुटेज हाथ लगने के बाद भी पुलिस अब तक आरोपितों तक नहीं पहुँच पाई है।
हाल ही में बढ़चढकर बिहार सरकार के नेता इफ्तार पार्टियां कर रहे थे, लेकिन हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले प्रसिद्ध कथा वाचक जिनके करोड़ों हिंदू समर्थक हैं उनका इसी बिहार सरकार के मंत्री विरोध करते नजर आ रहे हैं। तो क्या अब बिहार में हिंदू संतों, कथा वाचकों का अपमान होगा?
बिहार सरकार के मंत्रियों ने किया था बाबा की कथा का विरोध
गौरतलब है कि धीरेंद्र शास्त्री की कथा की जानकारी सामने आने के बाद राजद नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने एयरपोर्ट पर ही धीरेंद्र शास्त्री का घेराव करने की धमकी दी थी। यही नहीं, उन्होंने अपने धर्म निरपेक्ष सेवक संघ (DSS) के सदस्यों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इन तस्वीरों को भी बागेश्वर सरकार के विरोध में तैयारियों के रूप में देखा जा रहा था।
यही नहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर यादव ने तो उन्हें जेल में डालने की बात कह दी थी। उन्होंने कहा था, “बाबा बागेश्वर अगर गंदे काम करने आएँगे तो बिहार इजाजत नहीं देगा, अगर नफरत फैलाने आए हो तो आडवाणी भी जेल गए थे, और लोग भी जाएँगे। बागेश्वर बाबा हो या कोई बाबा हों, उनके पास कोई तिलस्म या चमत्कार नहीं है।”
ज्ञात हो कि धीरेंद्र शास्त्री 13 मई 2023 से 17 मई 2023 तक 5 दिवसीय हनुमंत चरित्र सुनाएँगे। 5 दिवसीय कार्यक्रम में हर दिन शाम को 4 बजे से लेकर 7 बजे तक कथा का आयोजन होगा। 15 मई को धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार लगाएँगे। इसमें बिना टोकन और नंबर के भक्तों की अर्जी सुनी जाएगी।