GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक ०१
आज का पंचांग
शनिवार २७/०५/२०२३
ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी सुबह 07:42 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅दिनांक - 27 मई 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - मघा रात्रि 11:43 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅योग - व्याघात शाम रात्रि 07:58 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅राहु काल - सुबह 09:16 से 10:56 तक
⛅सूर्योदय - 05:55
⛅सूर्यास्त - 07:19
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष -षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :🔹
🔹शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I
🔹नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I
🔹विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I
🔹कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I
🔹गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I
🔹सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I
🔹भारतीय संस्कृति के आधारभूत तथ्य🔹
🔸ग्यारह🔸
🔸एकादश रुद्र :
कपाली पिंगलो भीमो विरूपाक्षो विलोहितः । अजकः शासनः शास्ता शम्भुश्चण्डो भवस्तथा ॥ कपाली, पिंगल, भीम, विरूपाक्ष, विलोहित, अजक, शासन, शास्ता, शम्भु, चण्ड और भवः ।
🔹बारह🔹
🔸बारहखड़ी : देवनागरी वर्णमाला के १२ स्वर अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः ।
🔸बारह आदित्य : धाता, मित्र, अर्यमा, शक्र, वरुण, अंशु, भग, विवस्वान्, पूषा, सविता, त्वष्टा और विष्णु ।
🔸बारह मास : चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन ।
🔸द्वादश ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर (महाकाल), ओंकारेश्वर (अमरेश्वर), केदारनाथ (केदार), भीमशंकर, विश्वनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, रामेश्वर व घुश्मेश्वर ।
🔸द्वादश मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन ।
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
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