गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 52
आज का पंचांग
शुक्रवार०५/०५/२०२३
वैसाख शुक्ल पूर्णिमा , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 05 मई 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - स्वाती रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग - सिद्धि सुबह 09:17 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅राहु काल - सुबह 10:58 से 12:37 तक
⛅सूर्योदय - 06:04
⛅सूर्यास्त - 07:09
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:21 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:58 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - कूर्म जयंती, वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, उपच्छाया चन्द्र ग्रहण (भारत में नहीं दिखेगा), व्यतिपात योग
⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹 व्यतिपात योग - 05 मई 2023 🌹
🌹 पुण्यकाल : 05 मई सुबह 09:17 से 06 मई सुबह 07:31 तक ।
🌹व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 01 लाख गुना होता है ।
- वाराह पुराण
🔸चन्द्र ग्रहण (उपच्छाया) - 05 मई 2023🔸
उपच्छाया से पहला स्पर्श - रात्रि 08:45 बजे
परमग्रास चन्द्र ग्रहण - रात्रि 10:53 बजे
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श रात्रि 01:00 बजे
उपच्छाया की अवधि - 04 घण्टे 15 मिनट्स 34 सेकण्ड्स
🔸खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा । इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा ।
🔹कहाँ दिखेगा यह चन्द्र ग्रहण ?🔹
🔸यह उपच्छाया ग्रहण मुख्यतः एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अटलान्टिक महासागर एवं अन्टार्कटिका से दिखाई देगा ।
पेरिस, रोम, मैड्रिड, काहिरा, बर्लिन, मास्को, टोक्यो, सिडनी, बीजिंग, दुबई, अबुधाबी, रियाद, कराची, जेद्दा और जोहानसबर्ग दुनिया के कुछ प्रसिद्ध शहर हैं, जहाँ उपच्छाया चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा ।
🔹स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग🔹
(अनिद्रा, दाह, फोड़े-फुंसी आदि :)
🔹जिनको सिरदर्द होता हो अथवा रात को ११ से २ के बीच की नींद टूटती हो, नकसीर फूटती हो, उन सबके लिए एक प्रयोग है - धनिया, आँवला और मिश्री समभाग कूटकर रख दो । १० ग्राम रात को भिगा लो, सुबह मसलकर पी लो । सुबह भिगा दो, शाम को पी लो । नींद बढ़िया आयेगी, पेट साफ रहेगा, आँखों की जलन, मासिक की अधिकता, फोड़े-फुंसी सब शांत हो जायेंगे । मूत्रदाह तथा स्वप्नदोष से भी रक्षा होगी । जिनको नकसीर की तकलीफ है (नाक फूटती है), उन लोगों के लिए भी यह प्रयोग आशीर्वादरूप है ।
🔹नकसीर : हरे धनिये अथवा तुलसी के रस की २-३ बूँदें नाक में डालें । सुबह-शाम त्रिफला का सेवन करें । इससे २-४ दिन में आराम होता है ।
तरबूज खाने अथवा उसका रस पीने से भी नकसीर में आराम होता है ।
🔹फोड़े-फुंसियाँ : पालक, गाजर और ककड़ी तीनों मिलाकर उसका रस ले लें अथवा हरे नारियल का पानी पियें । इससे फोड़े-फुंसियाँ दूर होते हैं । भोजन में नमक कम मात्रा में लें ।
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️