जयपुर सीरियल ब्लास्ट के सभी आरोपी बरी: जिला कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा, हाईकोर्ट ने पलटा फैसला।
कांग्रेस की वोट बैंक राजनीति के चलते जयपुर सीरियल बलास्ट के आरोपी बरी हुए सेशन कोर्ट ने दी थी फांसी की सजा हाईकोर्ट में राजस्थान सरकार द्वारा ढंग से पैरवी न करने से हाईकोर्ट ने किए बरी आरोपियों ने 18 वकील खड़े किए 48 दिन सुनवाई पर ही नही गए एएजी (अतरिक्त एडवोकेट जनरल) अज्ञात रहे।
◆ 2014 से पहले:
2014 से पहले देश मे आतंकी घटनाओं, बम ब्लास्ट की खबरे, दंगो का होना आम बात थी, तब आतंकी के लिये रात को 3 बजे देश के सुप्रीम कोर्ट को खुलवाया जाता था।
◆ 2014 के बाद:
2014 के बाद दंगो और बम ब्लास्ट का जो सिलसिला रुका है, वही भाजपा को वोट देने के लिए काफी है।
क्यो
जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से पाकिस्तान जानता है कि अगर भारत में दो धमाके हुए तो पाकिस्तान में 20 बम फटेंगे.
जयपुर ब्लास्ट मामले में कुछ सनसनीखेज जानकारियां आ रही हैं जहां हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
■ 18 महंगे वकीलों ने आतंकवादियों का बचाव किया लेकिन सरकार की ओर से अतिरिक्त एडवोकेट जनरल 48 दिनों तक अदालत में भी नहीं गया।
■ पुलिस ने उस मूल ईमेल प्रति को प्रस्तुत नहीं किया जिसमें आतंकवादी ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी।
■ पुलिस ने चश्मदीद गवाह के बयान पर शाहबाज का स्कैच कोर्ट में पेश नहीं किया।
■ 4 आरोपी सैफ, सरवर आजमी, सलमान, सैफुर्रहमान को 2019 में दोषी ठहराया गया था लेकिन 2023 में सभी बरी हो गए।
■ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्हें क्यों बरी किया गया?
2019 में अदालत ने इस मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन को बरी किया था. वहीं मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और एक नाबालिग को दोषी करार दिया था.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. अलग-अलग जगहों पर 8 सिलसिलेवार धमाकों से पुरा जयपुर ही दहल उठा था. इस मामले में 71 लोगों की जान गई थी और करीब 176 लोग घायल हुए थे. जयपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था.