राजस्थान में हिंदुओं के त्योहार आते ही प्रशासन प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिया। बाड़मेर जिले के कलेक्टर की ओर से जिले में धारा 144 लगा दी है। प्रशासन के इस निर्णय पर विवाद हो गया है। ऑर्डर में लिखा है कि कोई भी इस तरीके से रंग न खेले कि किसी दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचे। इसका भाजपा और हिंदू संगठनों ने विरोध किया है।
बाड़मेर के जिलाधिकारी लोकबंधु द्वारा जारी किए गए इस ऑर्डर पर राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ कुठाराघात है। यह आदेश अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार पर कलंक है।
इस मामले को राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में भी उठाया और कहा कि होली का पर्व रंगों का त्योहार है। उन्होंने कहा, “बाड़मेर कलेक्टर का एक आदेश मेरे हाथ में है। कलेक्टर ने 2 से 12 मार्च तक धारा 144 लागू की है। होली पर धारा 144 लागू करना हमारी धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने सरकार इस ऑर्डर पर जवाब दे।👇लिंक पर क्लिक कर वीडियो देखें और रिट्वीट अवस्य करें🔁🔁
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भीलवाड़ा हलचल के अनुसार बाड़मेर के बाद जोधपुर में भी और भीलवाड़ा में भी धारा 144 लागू कर दी गई है।
धारा 144 के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी को भी उसकी मर्जी के बिना रंग नहीं लगा सकता जुलूस निकालने रंग और रंग से भरे गुब्बारे मारने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है आदेश के अनुसार DJ पर किसी भी प्रकार के गाने चलाना किसी को भड़काने के लिए बजाए जाने वाले ध्वनि यंत्र पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
संक्षेप में यही है कि भारत में ही कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में हिंदुओं को उनके त्यौहार धूमधाम से मनाने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है और इसके पीछे मंशा केवल एक समुदाय को खुश करने की है। इस प्रकार के तुगलकी फरमान हिंदू समाज में रोष उत्पन्न कर रहा है, आखिर क्यों हमेशा एक समुदाय की भावनाओं को संतुष्ट करने के लिए हिंदुओं की आस्था उनकी भावनाओं को कुचला जाता है। इस प्रकार हिंदुओं को दबाना उचित नहीं क्योंकि दबाव का गुणधर्म है की दबाव जितना होगा उतना ही रिवर्स इफेक्ट भी आना तय है।