उपरोक्त वीडियो में आप देखेंगे कि बहुत सारे हिंदू पुरुष और हिंदू महिलाएं एक मजार पर इबादत कर रहे हैं (जी हां इबादत क्योंकि पूजा मंदिरों की होती है मजारों की नहीं)
वीडियो में बताया जा रहा है कि यह मजार मथुरा वृंदावन की है और मथुरा वृंदावन ऐसी पावन स्थली है जहां अनगिनत भगवान श्री कृष्ण के राधा रानी के पूजा स्थल है। तो यह सवाल सबके मन में अवश्य उठेगा कि आखिर ऐसी जगह पर जहां मंदिरों की कोई कमी नहीं है वहां हिंदुओं को मजारों पर जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
वैसे इस वीडियो में एक मुस्लिम भाई से प्रश्न भी किया गया कि आप भी टोपी लगा के मंदिर जाते हैं क्या तो उनका उत्तर बिल्कुल सकारात्मक रहा क्योंकि संभव है वीडियो पर कोई भी ऐसा उत्तर नहीं देगा जिससे गलत संदेश समाज में जाए।
बाकी इस वीडियो को बनाने वाले भाई भी कुछ संदेश हिंदू समाज को देना चाहते हैं उनका कहना सही है या गलत यह आप अपने बुद्धि और विवेक से निश्चित करें।
भारत एक सेक्सुलर राष्ट्र है यहां सभी मत पंथ और मजहब के लोग एक साथ रहते हैं और सभी एक दूसरे की आस्था का कथित रूप से सम्मान भी करते हैं। (अभी एक मौलाना साहब ने होली पर दंगों की धमकी भी दी है, और राजस्थान में होली पर धारा 144 इसलिए लगाई गई है ताकि विशेष समुदाय की मजहबी भावनाएं आहत ना हो)
वैसे कुछ लोगों के मन में प्रश्न आता है कि हमेशा गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारे की मिसाल हिंदू समाज की तरफ से ही क्यों पेश की जाती है आखिर क्यों हमारा मुस्लिम समुदाय ऐसे उदाहरण पेश करता है?