पहचान छुपाना थूक मिलना ऐसी अनेकों घटनाएं पिछले कुछ ही समय में पूरा देश देख चुका है उसके बाद भी यदि हम इस मानसिकता की घटिया आदत को समझ कर अपने आप को बचा नहीं पा रहे तो दोष किसका? जब हम देख रहे है कि जेहादी लगातार रोटी, दूध, जूस आदि में थूंक रहे है तो क्यों इनका बहिष्कार नहीं कर पा रहे...?
जिन लोगों को लगता है की पहचान छुपाना कोई बड़ी बात नहीं ऐसे लोगों के लिए यह घटना एक बड़ा उदाहरण है की पहचान छुपाने वाले लोग आखिर पहचान छुपा क्यों रहे हैं! पहचान छुपा कर यह अपनी आदत या कहीं अपने एजेंडे के अनुरूप लोगों को थूक पिला रहे हैं। ऐसे लोगों का विरोध और बहिष्कार ना करना हिंदू समाज को बहुत भारी पड़ सकता है