आपकी बच्ची स्कूल जाते समय सुरक्षित है या नहीं इसकी एकबार जांच पड़ताल अवश्य कर लें क्योंकि हवस एक मानसिकता के खून में हैं। कहीं ऐसा न हों कि आप सेक्युलरिज्म निभाने के चक्कर में अपनी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर बैठे...यदि वो धर्म देख जान ले सकते है तो क्यों हम अपने बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य के लिए मजहबी मानसिकता की पहचान नहीं कर सकते..
सोचिए एक छोटी सी मासूम बच्ची को स्कूल भेजने के लिए आप किसी बस, taxi में छोड़ें और उसमें कोई हैवान बैठा हो जो अपनी हवन का शिकार आपकी बेटी को बनाना चाहता हो तो...। ऐसी घटना हो चुकी है। एक 11 वर्षीय मासूम को सेकुलर मा बाप ने एक मुस्लिम तेजी ड्राइवर की जिम्मे दे दिया स्कूल लाने ले जाने के लिए लेकिन उन मा बाप का सेक्युलरिज्म उस 1q वर्षीय मासूम को भारी पड़ा... वो तो ईश्वर ने बुआ को भेज उस बच्ची को बचा लिया अन्यथा सोचिए बेचारी अपने मां बाप के सेक्युलरिज्म का क्या फल भोगती