क्या सुप्रीम कोर्ट संविधान से ऊपर हैँ? क्या सुप्रीम कोर्ट कुछ भी निर्णय ले सकता हैँ? क्या सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर प्रश्न नहीं किया जा सकता? क्या सुप्रीम कोर्ट किसी दबाव में काम करता हैँ? क्या सुप्रीम कोर्ट धर्म के आधार पर निर्णय करता हैँ? ये video देखिये तो आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे
जब हिन्दू पक्ष वक़्फ़ बोर्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाता हैँ तो उन्हें हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया जाता हैँ लेकिन जब दूसरा पक्ष वक़्फ़ amendment बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाता हैँ तो उसका स्वागत किया जाता हैँ और एक पूर्ण बहुमत से पास बिल पर अंतरिम रोक लगा दी जाती हैँ! एक तरफ भगवान राम के सबूत मांगे जाते हैँ और दूसरी तरफ मस्जिदों के सबूत मांगने को अनुचित बता रहे हैँ! ये कैसा निष्पक्ष रवैया हैँ?? ये कैसा न्याय हैँ