सच बताऊ तो मैं रोज सोचता था कि क्या कुंभ जैसा महाआयोजन बिना किसी दुर्घटना के पूरा हो पायेगा? क्या योगी विरोधी इतने बड़े अवसर को ऐसे ही जाने देगा? इतने बड़े कार्यक्रम में 100/150 लोग भेजकर भगदड़ करवा देना कौन सी बड़ी बात है? तो इतने से आसान काम को योगी विरोधी आखिर क्यु नही करेगा!
क्या कोरोना के दौरान हमने नही देखा कि कैसे केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकारों ने देश में अराजकता और भय का माहौल बनाने की कोशिश करी थी? कैसे रोज कोई न कोई नई अफवाह फैला दी जाती थी कि फलाना जगह से बस मिल रही है और लोगो का हुजूम उधर ही उमड पड़ता था! देश के विपक्ष ने कोरोना को मोदी सरकार के विरुद्ध हथियार की तरह इस्तेमाल किया था ताकि केंद्र सरकार को बदनाम किया जा सके! कांग्रेस शासित राज्यों से कोरोना अन्य राज्यो मे निर्यात किया जा रहा था और बदनाम बनारस को किया जा रहा था!
अभी ऐसा नहीं है कि यह अंतिम दुर्घटना हो.... अभी ओर भी प्रयोग हो सकते है! अभी तीन बड़े स्नान बाकी है योगी विरोधी कोई कसर नहीं छोड़ेगा योगी आदित्यनाथ जी पर कलंक लगाने के अतः सावधान रहना होगा! शासन प्रशासन को सतर्क रहना होगा! योगी विरोधी जानते है कि मोदी जी के बाद वाले समय के लिए नेता पैदा हो चुका है, जैसे मोदी जी को रोकने के लिए अथाह धन बल और प्रचार किया गया था उस से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा योगी जी को रोकने के लिए!
साथियों से निवेदन है कि बार बार प्रयागराज ना जाएं, एक बार स्नान कर चुके हैं तो दोबारा न जाए बाकी लोगो को भी अवसर दे! बिना मतलब की अनावश्यक भीड़ ना बढ़ाये!
किसान आंदोलन इसी आस में खतम हो गया कि शायद सरकार गोली चलाये और गिद्धो को 50-60 लाशे मिल जाए राजनीति करने के लिए, याद रहे कि उन्हे 50-60 इकठ्ठी लाशे चाहिए.... किसान आंदोलन नही तो कुंभ ही सही!