पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा ली है। तो वही, सांसद डिंपल ने कटाक्ष किया है, “टैक्स पेयर का पैसा कुंभ में खर्चा गया है, और स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी को गंभीर बुनियादी मुद्दा बताया”
सहमत! कमोबेश ऐसे ही भाव नर्वस 90s के नेताओं के है।
सोचिए, भारतीय राजनीति में कितनी दयनीय स्थिति हो चली है कि राजनीति बचाने के लिए संगम में डुबकी लगाकर स्वयं को हिंदू दिखाना है तो वही, अपने वोट बैंक को भी एकजुट रखना है। इसलिए बेचारे दो नाव में सवार है।
इन लोगों को कुंभ व्यवस्था पर खर्च दिखाई देता है लेकिन सनातनी मंदिरों का आर्थिक लेखा-जोखा रखते है। हज में सब्सिडी देते है। इसका पैसा तो शायद विपक्षी अपनी जेब से देते होंगे। टैक्स पेयर्स के पैसों को हाथ नहीं लगाते है।
इनका पतन हो रहा है और आगे भी होता रहेगा।गंगा में डुबकी भी लगा रहे है और सवाल भी, हद है।