S400 की डिलीवरी नहीं कर पाने के कारण पहले ही बता दिया था भारत अब भविष्य में रूस के साथ कोई बड़े रक्षा सौदे नहीं करेगा। फाइटर जेट की तो कतई भी डील नहीं होगी रूस से, ब्रह्मोस 2 परियोजना को भी भारत ने बंद कर दिया है और स्वयं हाइपरसोनिक कार्यक्रम चला रहा है भारत। Su-30mki और T-90 टैंक के कलपुर्जों की भी सप्लाई नहीं कर रहा है रूस।
रूस से किसी भी प्रकार की रक्षा डील करना भारतीय सेना के कार्यक्रमों को पीछे डालने वाली बात है, जोकि सुरक्षा के लिए बड़ा संकट है। कुलमिलाकर अगले 2 वर्षों बाद भारत के रूस के साथ सभी रक्षा संबंध समाप्त हो जाएंगे और केवल आर्थिक संबंध ही रह जाएंगे।बस यही से भारत रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया का कारोबार बढ़ता जाएगा