देश को अस्थित करने के लिए देश के अनेकों शत्रु (बाहरी + भीतरी) पूरी तरह सक्रिय हैं।विदेश से मौलाना जेहादी स्लीपर सेल्स को निर्देश देता है और भारत में बैठे जेहादी स्लीपर सेल शुरू कर देते हैं रेल को पलटाने का खेल। सरकार इस खेल को तब तक नही रोक पायेगी जब तक इस प्रकार के अपराध के लिए मौत की सजा न तय की जाय।
अपराधी कब तक अपराध करते रहते हैं जब तक उन्हें दंड का भय नहीं होता। अब जरूरी है कि सरकार इस प्रकार के गंभीर अपराध करने वालों के लिए मृत्युदंड की सजा सुनिश्चित करे। इस प्रकार की बढ़ती घटनाओं के कारण रेलवे स्टाफ को तो सतर्क किया गया है साथ ही देश को जनता को भी सतर्क रहना होगा क्योंकि देशद्रोही, जेहादी ताकतें और कुछ बिकाऊ दलाल नेता देश को अस्थिर करने के लिए जी जान से लगे हुए हैं।
ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रचने के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे। इस बार यह साजिश उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में रची गई है। यहाँ रेल की पटरी पर गैस सिलेंडर रखा पाया गया। लोको पायलट की सतर्कता और सूझबूझ से फिलहाल एक बड़ा हादसा टल गया है। घटना रविवार (22 सितंबर 2024) की है। पुलिस टीमों ने घटनास्थल पर पहुँच कर जाँच शुरू कर दी है।
घटना प्रेमपुर स्टेशन के पास की है। उत्तर रेलवे के CPRO शशिकांत त्रिपाठी ने इस घटना पर विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि रविवार (22 सितंबर) को प्रयागराज मंडल के प्रेमपुर स्टेशन के पास एक मालगाड़ी गुजर रही थी। तभी इस ट्रेन के पायलट ने भाँप लिया कि ट्रैक पर छोटा घेरलू सिलेंडर पड़ा हुआ है। सिलेंडर की साइज 5 लीटर की बताई जा रही है। पायलट ने फ़ौरन ही इमरजेंसी ब्रेक लगा कर सिलेंडर से पहले ही ट्रेन को रोक लिया।
रेलवे अधिकारी शशिकांत ने लोको पायलट की सराहना की है। इसी स्थान से पायलट ने कंट्रोल रूम व संबंधित अधिकारियों को सूचित किया। सूचना मिलते ही RPF और GRP के जवान व अन्य अधिकारी मौके पर पहुँचे। सिलेंडर को कब्ज़े में लेकर जाँच शुरू कर दी गई है। रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से चल रहा है। बकौल शशिकांत त्रिपाठी अब यह पड़ताल चल रही है कि रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर कैसे और किस मकसद से रखा गया था।
शशिकांत त्रिपाठी ने आगे बताया कि हाल-फिलहाल में इस तरह की कई घटनाएँ प्रकाश में आईं हैं। इसकी रोकथाम के लिए रेलवे के सभी स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे ट्रैक या आसपास कोई भी संदिग्ध चीज देखे जाने पर फ़ौरन ही इसकी सूचना कंट्रोल रूम में दें। रेलवे ने कुछ संवेदनशील स्थान भी चिन्हित किए हैं जहाँ विशेष सतकर्ता बरती जा रही है। बकौल शशिकांत रेलवे अब ऐसे तत्वों की पहचान के लिए AI व CCTV फुटेज आदि तकनीकियों का भी प्रयोग शुरू करने जा रहा है।