विनेश फोगाट, डिस्कोलीफाय, सहानुभूति और सिस्टम
सिस्टम किस कदर विनेश फोगाट पर मेहरबान रहा है, चलो पढ़ो आज इस सिस्टम की काली करतूतें...!
मध्यप्रदेश के सुदूर इलाके की एक महिला पहलवान शिवानी 50 किलो वर्ग की राष्ट्रीय चैम्पियन है, जिसने ओलंपिक में जाने के लिए 50 किलो वर्ग के सारे ट्रायल भी जीते थे लेकिन वो 50 किलो वर्ग में ओलंपिक नहीं भेजी गई।
53 किलो वर्ग में महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने सभी ट्रायल मैच जीते लेकिन उसे ओलंपिक के लिए चयन नहीं किया और स्टैंडबाय पर रखा। उसे स्टैंडबाय इसलिए रखा क्योंकि पिछले 8 साल से 53 किलो वर्ग में विनेश जा रही थी इसलिए सिस्टम ने विनेश को ही ओलंपिक भेजना चाह रहा था।
सभी तरह के ट्रायल अंतिम पंघाल ने जीते और सिस्टम ने चयन किया विनेश फोगाट का....! देखो कितना मेहरबान सिस्टम है।
यह सिस्टम विनेश पर इतना मेहरबान था कि ट्रायल जीते अंतिम पंघाल ने और विनेश को ओलंपिक में भेजने के लिए तैयार हो गया....! वही सिस्टम जो बिना ट्रायल खेले पहले भी विनेश फोगाट को अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भेज रहा था।
जब सिस्टम ने विनेश को इतनी वरीयता दी तो इस सिस्टम की मेहरबानी से खिन्न होकर अंतिम पंघाल इस सिस्टम से लड़ने कोर्ट चली गई और कोर्ट से जीतकर 53 किलो वर्ग में अपना स्थान पाया।
कोर्ट के आदेश से 53 किलो वर्ग में अंतिम पंघाल ने अपना स्थान बना लिया। 53 किलो वर्ग में स्थान नहीं बनने के बाद विनेश ने 50 किलो वर्ग से ओलंपिक में जाना तय किया जो कि उसकी कैटेगरी ही नहीं थी।
अब सिस्टम विनेश पर मेहरबान था तो 50 किलो वर्ग की राष्ट्रीय चैम्पियन रेसलर शिवानी जो मध्यप्रदेश के सुदूर क्षेत्र से आती है जिसने सभी ओलंपिक ट्रायल भी जीत लिए थे लेकिन उसकी जगह विनेश फोगाट का चयन कर लिया गया।
यहाँ शिवानी को ना सिस्टम का पता था ना कोर्ट का क्योंकि वो हरियाणा NCR की ऊंची लॉबी की रहने वाली नहीं थी वो ठहरी मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी क्षेत्र की, ना उसको शोषण के प्रपंच पता थे ना सड़कों पर प्रपंच करना आता था, ना ही उसके पीछे कोई लॉबी खड़ी थी।
तो इस तरह से शिवानी के लात मारकर 50 किलो वर्ग केटेगरी ओलंपिक में चयन विनेश फोगाट का किया गया।
लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था! किसी को उम्मीद नहीं थी कि इस पूरे सिस्टम पर नियति पहलवान बनकर ही टूट पड़ने वाली है और विनेश फोगाट की पीठ पर अपनी कोहनी गाड़कर उसे डिस्क्वालिफाई करने जा रही है।
ये है सिस्टम....! वो बेहूदा भद्दा मेहरबान सिस्टम....विनेश फोगाट के फाइनल में पहुंचने और पदक सिक्योर होते ही जिस सिस्टम के लिए प्रचारित ऐसे किया गया की विनेश फोगाट सिस्टम से लड़कर पदक तक पहुंच गई है.....हकीकत में तो वो फाइनल नहीं बल्कि ओलंपिक में ही सिस्टम की मेहरबानी से गई थी वरना वहाँ 50 किलो वर्ग में जाने की हकदार एकमात्र पहलवान "शिवानी" ही थी।
रेसलर के चयन में साफ साफ क्षेत्रवाद हो रहा है, राष्ट्र को ध्यान में रखकर देखें तो दूसरे राज्यों के पहलवानों का हक और मेहनत मारी कुचली घसीटी जा रही है, और स्थानीय स्तर पर देखें तो फोगाट परिवार हरियाणा के दूसरे पहलवानों का हक और मेहनत मार रहा है।
सिस्टम से तो अंतिम पंघाल लड़कर ओलंपिक में पहुंची है, और शिवानी की मौत सिस्टम से बिना लड़े ही हुई है।
जाति में ज्यादा इंटरेस्ट है तो जाते जाते एक बात और बता दूँ की अंतिम पंघाल भी "जाट" जाति की ही थी जिसका हक मारकर विनेश 53 किलो वर्ग में ओलंपिक जाने वाली थी लेकिन अंतिम पंघाल कोर्ट पहुंच गई थी।
विनेश फोगाट पर मेहरबान सिस्टम की ये बेहूदा भद्दी फूहड़ काली सच्चाई विनेश फोगाट के फाइनल में पहुंचने के बाद अयोग्य करार दे दिए जाने से उठी सहानुभूति और वाहवाही की लहर के नीचे दब गई है
jb tune kuch pta he nhi tu Teri gand m churne ho re h
ReplyDeleteMa lo tera kahna sahi bhi hai ki system vinesh par mehebaan hai to sawal hai ki kyuehenbaan hai? Apne ek bhrashta rapist neta ko bachane ke liye hi na?
ReplyDeleteOye ghtiya news wale gandgi mat faila yaha pe salla dogli media ..jhut news h ye
ReplyDeleteये पोस्ट / ब्लॉग लिखने वाला ब्रजभूषण का चेला लग रहा है मुझे,पूरी खुन्नस निकाल रहा है जो भरी पड़ी थी विनेश के लिये,
ReplyDeleteबेटा!!! पेल्हरगिरी बंद करो
Tu kya writer banega re.
ReplyDeleteChal apane baap ko mat sikha....
Beta tumse Naa ho payega.....
, Jati wadi Rajneetik dalo ki Tarah Jati wadi kheldal bhi panay Rahe Hai jaha unhi ke pariwar ke khiladiyo ka chayankiya jata hai aur Yogyakarta Khali pariwar aur Dal se sambandh namaste hone Karan Bahar ho Jati hai.
ReplyDeleteअबे दौ कौड़ी के घोंचू अगर सिस्टम मेहरबान ही था तो की वहां फाइट भी सिस्टम ने ही जीती थी क्या, और भेज लेना अगले ओलंपिक में क्युकी विनेश ने तो संन्यास ले लिया है दिखा देना कितना दम है उनमें भी, कुछ तो शर्म करो दुष्टो
ReplyDeleteBJP ka aaaaannnddddd
ReplyDeleteBhakkkttttt 🫣🤣🤣🤒🤔🙏
Bhai log . sach hamesa kadvi hoti hai, usea pachana sikho
ReplyDeleteबकवास
ReplyDeleteओलंपिक में जीत कर क्वालीफाई करा
ReplyDeleteWell written ,whoever written this.Be brave writer,Sahi likh🙏
ReplyDeleteविनेश फौगाट से तुम अकेले नहीं सुलग रहे,,, सारे अंधभक्त और तुम्हारे इसी सिस्टम को जड़ों में विष भर कर कई साल राज करने वाले भी सुलगते हैं। लड़की अपनी मेहनत से आज तक नाम कमा रही है।
ReplyDeleteWoh apna weight na cut kar paayi bas uski hi toh galti h yaha randi rona macha rakha h chutiyo ki tarah
ReplyDeleteReally????
ReplyDeleteTum Sach me bewade aor nalayak ko, Shivani ko vinesh ne trail me defeat kiya tha uska video hai, ja kr dekh le, pr jb aankhe futi ho kisi ki aalochna krne ke liye to dikhai kaha dega
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