हिंदु-धर्म में बेलपत्र को शुभ माना जाता है और महादेव को चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं क्यों;
एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उसी बूंद से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ।
इसमें माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं। वे पेड़ की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में, इसके तनों में माहेश्वरी के स्वरूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी व पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं।फलों में कात्यायनी स्वरूप व फूलों में गौरी स्वरूप निवास करता है। इन सभी रूपों के अलावा, मां लक्ष्मी का रूप समस्त वृक्ष में निवास करता है।
बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है और इसीलिए ये महादेव को अत्यंत प्रिय है।
भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
जो व्यक्ति किसी तीर्थस्थान पर नहीं जा सकता है, अगर वह श्रावण मास में बिल्व के पेड़ के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करे तो उसे सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिलता है।
🌺।।बिल्व वृक्ष के बारे में कुछ रोचक बातें।।🌺
⚜️1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते।
⚜️2. अगर किसी की शवयात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है।
⚜️3. वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है।
⚜️4. 4, 5, 6 या 7 पत्तों वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है।
⚜️5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
⚜️6. सुबह-शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है।
⚜️7. बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते हैं।
⚜️8. बेल वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
⚜️9. बेलपत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे।
⚜️10. जीवन में सिर्फ 1 बार और वह भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते हैं।
⚜️11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्द्धन करने से महादेव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।
भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बिल्वपत्र के वृक्ष का भी माना गया है।
🌺।।बिल्वपत्र के वृक्ष की महिमा के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण बातें।।🌺
⚜️1. बिल्वपत्र के वृक्ष में लक्ष्मी का वास माना गया है। इसकी पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है,और बेलपत्र के वृक्ष व सफेद आक को जोड़े से लगाने पर निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
⚜️2.बेलपत्र के वृक्ष को घरमें लगाने व प्रतिदिन दर्शन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।घर में बिल्वपत्र का वृक्ष होने पर परिवार केसभी सदस्य कई प्रकार के पापोंसे मुक्त हो जाते हैं.
⚜️3. रविवार और द्वादशी तिथि पर बिल्वपत्र के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजन करने से मनुष्य ब्रम्ह हत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है, इसके प्रभाव से यश और सम्मान मिलता है।
⚜️5. यदि कोई शव बिल्वपत्र के पेड़ की छाया से होकर शमशान ले जाया जाता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बिल्वपत्र के पेड़ को नियमित रूप से जल चढ़ाने पर पितृों को तृप्ति मिलती है,और पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
⚜️6. वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए बिल्वपत्र के वृक्ष का महत्व है। यह अपने आसपास के वातावरण का शुद्ध और पवित्र बनाए रखता है। घर के आसपास बिल्वपत्र का पेड़ होने पर वहां सांप या विषैले जीवजंतु भी नहीं आते।
⚜️7. ऐसा माना जाता है,कि बिल्वपत्र का पेड़ लगाने से वंश में वृद्धि होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस वृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
⚜️8. ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर बिल्वपत्र का वृक्ष होता है, वह काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र है, जहां अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वृक्ष को काटना पाप माना जाता है, जिससे वंश का नाश होता है।
स्रोत: शिव महापुराण
हर हर महादेव 🙏🌺🔱