राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुनाव हो गया है जिसमें एनडीए को 11 सीटों पर जीत हासिल हुई है वहीं, कांग्रेस के खाते में एक सीट गई है।ऐसे में BJP की पकड़ राज्यसभा में मजबूत हुई है और उसका गठबंधन बहुमत तक पहुंच गया है
इतिहास में पहली बार है कि एनडीए राज्यसभा में आत्मनिर्भर हुई है। राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी के 9 और उसके सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं। वैसे अभी भी अकेले BJP के पास 96 सीटें हैं राज्यसभा में इसलिए ज्यादा खुशी की बात तो नहीं लेकिन NDA बहुमत का आंकड़ा छू गई ये भी एक अच्छा संकेत हैं।
12 सीटों पर निर्विरोध चुनाव के बाद अब राज्यसभा में बीजेपी की संख्या बढ़कर 96 हो गई है. वहीं एनडीए की संख्या की बात करें तो ये भी बढ़कर 112 हो गई है. 245 सदस्यों की राज्यसभा में अभी आठ सीटें और खाली हैं. इनमें चार जम्मू-कश्मीर की और चार मनोनीत सदस्यों की सीटें शामिल हैं. इस तरह राज्यसभा में वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 119 सदस्यों का है. एनडीए को छह मनोनीत और एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है और इस तरह एनडीए बहुमत के आंकड़े को छू चुकी है.
जानकारों की मानें तो अब बीजेपी को राज्यसभा में कोई भी महत्वपूर्ण बिल पारित कराने के लिए बीजेडी, वायएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा. उधर, कांग्रेस की राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी. राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर अब 27 हो गई है, जो कि नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए जरूरी 25 सीटों से दो अधिक है.
सभी सीटों पर 3 सितंबर को होना था चुनाव
बता दें कि चुनाव आयोग ने इसी महीने राज्यसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी. इसमें नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी. मतदान 3 सितंबर को संबंधित राज्यों की विधानसभाओं में सुबह नौ बजे से चार बजे तक होना था और उसी शाम पांच बजे से मतगणना होगी और रात तक नतीजे आने वाले थे. लेकिन नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख यानी 27 अगस्त को सभी 12 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए.
पहले क्या थी इन 12 सीटों की स्थिति
राज्यसभा की जिन 12 सीटों पर सदस्य चुने गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा 7 राज्यसभा सांसद BJP के ही थे. उसके बाद कांग्रेस के 2, बीआरएस, बीजेडी और आरजेडी से एक-एक सांसद थे. बीजेपी का असम-महाराष्ट्र में दो-दो, मध्य प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा में एक-एक सीट पर कब्जा था. हरियाणा-राजस्थान में कांग्रेस का एक-एक और बिहार में आरजेडी का एक सीट पर कब्जा था. इसी तरह, तेलंगाना में बीआरएस का एक और ओडिशा में बीजेडी का एक सीट पर राज्यसभा सांसद था. तेलंगाना में के. केशवराज बीआरएस छोड़कर जुलाई में कांग्रेस में शामिल हो गए. जबकि ओडिशा की ममता मोहंता भी कुछ समय पहले बीजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं.