ये है हिंदुओं का आक्रोश जो हमारे प्रधानमंत्री जी के संसद में दिए इस भाषण से पूरी तरह झलक रहा है। संसद के अंदर तो हमारे प्रतिनिधि ने बात रख दी और साफ साफ शब्दों में उनकी ही भाषा में जवाब देने की बात कही है, अब संसद के बाहर बैठे धर्मपरायण हिंदुओं की बारी है।
अब सभी धर्मप्रेमी सनातनियों को संकल्प लेना होगा और हर धर्म तथा राष्ट्रद्रोही को, इस पूरे के पूरे हिंदू विरोधी ecosystem को उसी की भाषा में जवाब देना होगा ताकि वो उस भाषा को समझ सके। हर एक धर्म द्रोही को चिन्हित कर उसका पूर्ण बहिष्कार करना है तथा कोई भी हमारे धर्म, संस्कार, शास्त्र, देवी देवता पर अनर्गल टिप्पणी करे उसका ऐसा विरोध करना है की ब्रह्मांड कंपायमान हो जाए।