कू एक भारत का अपना स्वदेशी एप था लाइन डिजिटल जगत में 4 वर्षों तक लड़ने के बाद आखिर इसने दम तोड दिया... ये दुखद है और दुर्भाग्यपूर्ण भी। आज विदेशी एप भारत में जमकर चल रही है , पैसे भी कमा रही है और एजेंडे भी चला रही हैं लेकिन हमारा एक स्वदेशी एप खुदको खड़ा नहीं रख पाया👇 क्या कहा एप के को-फाउंडर अप्रेमया राधाकृष्णन ने
देश का स्वदेशी सोशल मीडिया स्टार्टअप कू (Koo) बंद होने जा रहा है। कंपनी के को-फाउंडर अप्रेमया राधाकृष्णन (Aprameya Radhakrishna) ने लिंक्डइन ( LinkedIn ) पोस्ट में इसका खुलासा किया है। पिछले कई समय से कू को बेचने या उसके विलय को लेकर अलग-अलग कंपनियों के बातचीत चल रही थी जिसमें डेलीहंट (DailyHunt) भी शामिल है। बातचीत सफल नहीं होने के बाद कंपनी के फाउंडर ने कू को बंद करने का फैसला किया है।
कू को एक्स (X) जो पहले ट्विटर (Twitter) के नाम से जाना जाता था उसके विकल्प के तौर पर पेश किया जा रहा था। अप्रेमया राधाकृष्णन और मयंक बिद्वतका ने 2019 में कू को शुरू किया और मार्च 2020 में इसे लॉन्च किया गया। कू सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली के बार्डरों पर प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार और एक्स (पहले ट्विटर) के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से प्रदर्शन के वीडियो हटाने को लेकर विवाद देखने को मिला था। हालात ऐसे हो गए थे कि तब सरकार के प्रेस रिलीज भी एक्स की जगह कू पर आने लगे।
कू को बंद करने का खुलासा अप्रमेय राधाकृष्ण ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखकर किया। उन्होंने लिखा, हमारी तरफ से ये फाइनल अपडेट है. साझेदारी को लेकर चल रही हमारी बातचीत असफल रही है और हम आम लोगों के लिए अपने सर्विसेज को बंद करने जा रहे हैं। हमने बड़ी इंटरनेट कंपनियों, कॉरपोरेट समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी को लेकर बातचीत करने की कोशिश की है लेकिन हम जैसा चाहते थे वैसा नतीजा बातचीत का नहीं निकला। ज्यादातर लोग यूजर जेनरेटेड कंटेट के साथ और जंगली प्रवृति वाले सोशल मीडिया कंपनी के साथ डील नहीं करना चाहते थे। कुछ ने डील पर हस्ताक्षर के करीब पहुंचने के बाद मुकर गए। अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, हम ऐप को चालू रखना चाहते थे लेकिन सोशल मीडिया ऐप चलाने के लिए टेक्नोलॉजी सर्विसेज का खर्च बहुत ज्यादा है और इसी के चलते हमें ये निर्णय लेना पड़ रहा है।