"प्रदीप मिश्राजी के बयान पर ताण्डव करने वाले साधु-संतो !राहुल गांधी के बयान पर क्यों चुप बैठे हो ? बुलाओ पंचायत ओर कहो कि इस गैर-हिन्दू को किसी भी मंदिर में नहीं घुसने दिया जायेगा।
हम प्रदीप मिश्राजी का बचाव नहीं कर रहे ,लेकिन सोचते हैं कि आज आप चुप क्यों हैं? क्यों बार बार राजनीति के नाम पर हिंदू धर्म, धर्म ग्रंथ आदि का अपमान किया जाता है तक संतो का ऐसा जबरदस्त आक्रोश नहीं देखने मिलता?
राम-मन्दिर प्रतिष्ठा के समय भी संतों ने खूब सक्रियता दिखाई थी, किसीने समर्थन में तो किए ने विरोध में लेकिन अब राहुल गांधी और अन्य नेताओं के हिंदू विरोधी बयानों पर हिंदुओं को हिंसक कहे जाने पर क्यों उतनी मुखरता से संत समाज आक्रोश व्यक्त नहीं कर रहा।?