आप चाहें तो इस पत्र को धमकी भरा कहें या नहीं लेकिन इसके मायने सभी समझते हैं। पत्र के माध्यम से मुंबई के सिनेमाघरों को ये कहा गया है कि उदयपुर फाइल फिल्म अपने सिनेमा में ना चलाएं.."इससे मुंबई में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है".. अब विचार आप खुद करें कि ये धमकी है या नहीं? बाकी पुलिस प्रशासन तक ये लेटर पहुंच ही चुका होगा.. लेकिन हमे भी पहुंचने का प्रयास करना चाहिए
विचार कीजिए कि इस लेटर के पीछे मंशा क्या होगी? क्या सिनेमाघरों से मात्र निवेदन किया गया है? ये बिल्कुल आसानी से समझा जा सकता है। अब जरूरत है कि सिनेमाघरों के मामले इनकी दादागिरी ना चलने दें और मुंबई के लोग तैयार रहें के यदि कोई उत्पात मचाने का प्रयास करे, सांप्रदायिक सौहार्द्य बिगाड़े तो उसे सही भाषा में समझाया जाए... यदि धमकियों से मुंबई डरी तो ... लेटर की कॉपी 👇