कहने को तो हिंदुओं में 16 संस्कार होते हैं लेकिन आजा मॉडर्न हिंदू समाज 16 में से 1 या 2 संस्कार भी सही तरीके से कर ले ये बड़ी बात होगी। हिंदुओं के यहां तो अंतिम संस्कार भी घर के लोग नहीं करते अपितु अंतिम संस्कार करवाने के लिए भाड़े पर लोग बुलाए जाते हैं। अब माता पिता से संस्कार नहीं मिलते तो बच्चों को भी कोई खास लगाव नहीं रह जाता इसलिए विदाई पर रोना नहीं आता और बस अब विदाई पर रोने के नाटक के लिए भी कोर्स शुरू हो गया है। यादि हिंदू माता पिता अपने बच्चों को संस्कार नहीं देंगे तो अंत समय में उनकी दुर्गति होगी और अंतिम संस्कार तक करने वाला कोई नहीं होगा।
विदाई के समय रोने की भी क्लास...ये स्थिति है हिंदू समाज की
May 29, 2024
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हिंदू समाज की स्थिति इतनी भयवाह हो सकती है ऐसा शायद हमारे बड़े बुजुर्गों ने सपने में भी ना सोचा हो लेकिन आधुनिक होने के चक्कर में आजकी पीढ़ी की ऐसी हालत हो गई की उनकी भावनाएं ही खत्म हो चुकी हैं, अब विदाई के समय रोने की भी ट्रेनिंग दी जाती है वैसे आने वाले समय में तो विदाई का सिस्टम ही शायद न रहे।