1. अवतरण : इस दिन भगवान नर-नारायण का अवतरण हुआ था।
2. परशुराम का अवतरण हुआ था।
3. हयग्रीव का अवतार हुआ था, उन्होंने असुर द्वारा चुराए गए वेदों के प्राप्त कर ब्रह्मा जी को दिया था।
4. इसी दिन मां गंगा मैया का अवतरण भी हुआ था।
5. इसी दिन ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी हुआ था।
6. कुबेर को मिला खजाना : इसी दिन रावण के सौतेले भाई यक्षराज कुबेर को खजाना मिला था।
7. सुदाम कृष्ण का मिलन : इसी दिन श्रीकृष्ण के सखा सुदामा द्वारिका में भगवान कृष्ण से मिलने पहुंचे थे।
8. ऋषभदेवजी ने किया था व्रत का पारण : प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने के कठिन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
9. महाभारत की रचना : अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखना शुरू किया था।
10. युग प्रारंभ और समापन : इसी दिन सतयुग और त्रैतायुग का प्रारंभ हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ।
11. कनकधारा स्त्रोत की रचना : इसी दिन आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना संपन्न की थी।
12. कुरुक्षेत्र में युद्ध समाप्त : इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई थी।
13. बद्रीदाथ धाम के खुलते हैं कपाट : इसी दिन उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनारायण धाम के कपाट भी खुलते हैं।
14. जगन्नाथ का रथ बनना होता है प्रारंभ : इसी दिन भगवान जगन्नाथ का भव्य रथ बनाना प्रारंभ किया जाता है।
15. श्रीकृष्ण ने बताया था इस दिन का महत्व : इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर यह बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा।
16. सिर्फ इसी तिथि को होते हैं श्री बांकेबिहारी जी के चरण दर्शन. पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री बांकेबिहारी जी अक्षय तृतीया के दिन ही पहली बार प्रकट हुए थे। इसलिए यह दिन उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। श्री बांकेबिहारी जी का मंदिर 17वीं शताब्दी में बनाया गया था। उस समय से अक्षय तृतीया के दिन उनके चरण दर्शन की परंपरा शुरू हुई थी।
17. महाभारत ग्रंथ की रचना का प्रारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन से ही हुआ था। ऋषि वेद व्यास और भगवान गणेश ने मिलकर इस ग्रंथ की रचना की थी।
18. अक्षय तृतीया के दिन से वल्लभाचार्य जी ने गौपाल जी की सेवा गोवर्धन में (श्रीनाथ जी की) सेवा प्रारंभ की थी।
19. अक्षय तृतीया के दिन अन्नपूर्णा मां का जन्म हुआ।
20. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाने के लिए वस्त्र अवतार धारण किया।🌷🙏🏻